दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
द इंडियन एक्सप्रेस के लिए मीका अज़ीज़ द्वारा पहला कार्टून इस बात पर चुटकी लेते हैं कि भाजपा के पास पूर्ण बहुमत नहीं है इसके बावजूद कर्नाटक के गवर्नर ने बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है।
द टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए संदीप अध्वर्यू द्वारा अगला कार्टून इन आरोपों पर आधारित है कि कर्नाटक में चल रही खीचा–तानी में लोकतंत्र बस एक शिकार बन कर रह गया है।
ग्रेटर कश्मीर में, सुहेल नक्शबंदी ने इंगित करते हैं कि रमजान युद्धविराम, शांति के लिए चोटिल आशाओं द्वारा अस्तित्व में लाया गया है|
मेल टुडे में, सतीश आचार्य कर्नाटक के राज्यपाल को भारत के संविधान को कथित रूप से पढ़ते हुए दर्शाते हैं, जबकि वह, मणिपुर और गोवा के लिए समान मार्गदर्शिकाओं को चिन्हित करने वाले बुकमार्क के साथ, वास्तव में ‘कर्नाटक नियम पुस्तिका’ को पढ़ रहे हैं| जहाँ कांग्रेस एकमात्र सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आयी थी और इसके बावजूद भी बीजेपी वहां सरकार बनाने में सफल रही थी।
इस बीच कार्टूनिस्ट इरफान सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पार्टी का समर्थन करने वाले विधायकों की सूची मांगने पर बीजेपी की ‘शॉपिंग लिस्ट’ का जिक्र करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को दर्शाते हैं| यह भाजपा के खिलाफ लगाये गए सौदेबाजी के आरोपों का जिक्र करता है|