दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के विशेष रूप से चित्रित कार्टून में, आलोक निरंतर बताते हैं कि कैसे शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले दोनों गुट – खुद को ‘असली सेना’ के रूप में चित्रित करने के लिए संघर्ष में लगे हुए हैं – यह दोनों ही इस साल अलग-अलग दशहरा रैलियां करेंगे.

आर प्रसाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले की एक वेबिनार में टिप्पणी कर रहे हैं, जहां उन्होंने गरीबी, आय असमानता और बेरोजगारी को चुनौतियों के रूप में चिह्नित किया है इसके साथ ही उन्होंने कम्युनिस्टों पर निशाना साधा है.

साजिथ कुमार टिप्पणी कर रहे हैं कि विपक्ष ने कैसे होसाबले की टिप्पणी को आरएसएस द्वारा मोदी सरकार की कमियों की स्वीकृति के रूप में ब्रांड किया है.

सुनील अग्रवाल और अजीत नायनन ने देश भर में दशहरा समारोह की पृष्ठभूमि में ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर ग्राहकों की सिफारिशों का हवाला दिया.
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ई.पी. उन्नी ने भारत में चारे की महंगाई पर अपना नजरिया पेश किया है, जो इस साल अगस्त में नौ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जिससे कृषि पर निर्भर परिवारों पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है.
(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)