दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के विशेष रूप से प्रदर्शित कार्टून में, आलोक निरंतर एक किसान के ‘चुनावों’ के लिए धन्यवाद देते हुए दिखाते हैं, नरेंद्र मोदी सरकार जिसने उनकी कई लंबित मांगों को स्वीकार कर लिया है, जिससे दिल्ली की सीमाओं पर उनके सालभर के विरोध को खत्म करने का काम किया है.
संदीप अध्वर्यु अपने कार्टून में दिखाते हैं कि कैसे किसानों की एकता और कृषि कानूनों के विरोध में उनके अड़े रहने पर मोदी सरकार द्वारा उन्हें वापस लेने के लिए मजबूर किया.
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साजिथ कुमार प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा मोदी सरकार को दिए गए एक संदेश को दिखाते हैं.
ई.पी. उन्नी का किसानों के लिए मत है कि, सरकार के ताजा आश्वासन, पुराने की जगह नए शब्दों के सेट (नये अंदाज में अपनी बात कहने) पर भरोसा करने को लेकर एक केस है या उदाहरण है.
आर. प्रसाद भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई का अपनी आत्मकथा जस्टिस फॉर द जज के रहस्योद्घाटन को निशाने पर लेते हुए दर्शाते हैं कि उन्होंने एक व्यक्ति को अदालत कक्ष में प्रवेश करने और अक्टूबर 2019 में अयोध्या मामले के फैसले को बाधित करने के लिए रोका था.
(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)