दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया में संदीप अध्वर्यु सुझाव देते हैं कि लोगों को ईंधन की कीमतों में वृद्धि करके के धोखा दिया जा रहा है.जबकि देश में लोगों का ध्यान अयोध्या फैसले पर लगा है.
मीका अज़ीज़ भारत में धीमी गति से चल रही न्यायिक प्रक्रिया पर तंज करते हैं. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर के अंत तक अयोध्या मामले में सुनवाई को टाल दिया है.
पुणे में मुठा नहर की दीवार में गुरुवार की सुबह दरार आने के बाद कई इलाके जलमग्न हो गए.कार्टूनिस्ट आलोक निरंतर ने इसकी तुलना तुलना मुंबई की बाढ़ से की है.
इरफान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को रामलीला मैदान में सार्वजनिक बहस के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा दी गयी चुनौती पर तंज करते है.
फर्स्टपोस्ट में, मंजुल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने औपनिवेशिक राजद्रोह कानून की अर्ज़ी पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है, यहां तक कि ऐसे अन्य कानूनों को ख़त्म कर दिया.
इकोनॉमिक टाइम्स में, आर. प्रसाद पितृपक्ष के कारण एच.डी. कुमारस्वामी के कैबिनेट विस्तार में देरी पर टिप्पणी करते है. जिसमें दो सप्ताह तक कुछ नया शुरू करना अशुभ माना जाता है.
कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को रफाल सौदे पर नरेंद्र मोदी सरकार को बार -बार घेरने के दोहरे प्रयासों पर तंज करते है.
Read in English : Turning a blind eye towards sedition law, and the ‘upcoming’ Ayodhya verdict