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Sunday, 3 November, 2024
होमलास्ट लाफसकारात्मक सोच की ताकत और दूध कर्नाटक की राजनीति में कैसे उबाल मार रहा

सकारात्मक सोच की ताकत और दूध कर्नाटक की राजनीति में कैसे उबाल मार रहा

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए पूरे दिन के सबसे अच्छे कार्टून.

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दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज के प्रदर्शित कार्टून में, संदीप अध्वर्यु एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के निष्कर्षों की जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच की कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष की मांग से अलग राय रखने पर टिप्पणी की है.

सतीश आचार्य बांदीपुर टाइगर रिजर्व में पीएम मोदी की जंगल सफारी की ओर इशारा करते हुए, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ जिसने गाय को ‘संरक्षित राष्ट्रीय पशु’ घोषित करने को लेकर इस साल मार्च में केंद्र सरकार से फैसला लेने पर सवाल पूछा था.

आलोक निरंतर शिवसेना के टूटने की पृष्ठिभूमि में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष को सेलिब्रेट करने को लेकर टिप्पणी करते हैं.

 

साजिथ कुमार ‘प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल’ और इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस के लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए, बाघों की व्यावहारिक तौर आबादी को बनाए रखने के लिए भारत के सामने आने वाली चुनौतियों को दर्शाते हैं.

नाला पोनप्पा बताते हैं कि कैसे कर्नाटक में अमूल कंपनी का प्रवेश एक राजनीतिक विवाद में बदल गया है, विपक्षी नेताओं ने इसे भाजपा द्वारा कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के स्वामित्व वाले डेयरी ब्रांड नाम नंदिनी को ‘खत्म‘ करने या ‘चोरी‘ करने की ‘साजिश’ करार दिया है.

(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

 

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