दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
इ.पी.उन्नी ने केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह के बारे में इस समय में चार्ल्स डार्विन के क्रम-विकास के सिद्धांत पर सवाल उठाने को चित्रित किया है।लिंचिंग के महत्वपूर्ण समय में वो बार -बार सवाल उठा रहे है ।(अधिक लिंचिंग -क्या हमारे एंटी डार्विन मिनिस्टर बताएँगे की कैसे उदार आदमी भीड़ में परिवर्तित होता है)
द हिंदू में सुरेंद्र,सलाह देते हैं कि वो भीड़ जो बच्चों की रक्षा करने का दावा करती हैं,वो ज्यादा ख़तरनाक है उन अपहरणकर्ताओं की तुलना में ।(अपहरणकर्ता)
कार्टूनिस्ट मीका अज़ीज़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर मजाक उड़ाया की ‘दूध और मर्सिडीज’ एक ही जीएसटी स्लैब के तहत नहीं आ सकते।(एकल जीएसटी दर संभव नहीं है)
दैनिक जागरण में कार्टूनिस्ट माधव जोशी ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रूपए की गिरती कीमत जो की इस समय सबसे कम है उसको दर्शाया है ।
इश्तियाक अंसारी ने महाराष्ट्र के देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा लगाए गए प्लास्टिक प्रतिबंध पर तंज करते हैं।(देवेंद्र फणडवीस लाइन पर है दोनों लोगों को पकड़ लिया, मोदी : किसे नीरव और माल्या को, फडणवीस: नहीं दो लोगों को प्लास्टिक बैग के साथ)
मिड डे में, कार्टूनिस्ट मंजुल ने ट्विटर ट्रॉल्स के द्वारा सुषमा स्वराज पर हालिया हिंसक हमले को दर्शाया है, जिनमें से कई तो भाजपा के समर्थक पाए गए हैं।
द टाइम्स ऑफ इंडिया में संदीप अध्वर्यु सुझाव देते हैं कि सोशल मीडिया अफवाहों में अंधविश्वास मनुष्यों की प्रासंगिकता को ख़त्म करने का कारण बन रहा है ।
बीबीसी हिंदी के कीर्तिश भट्ट भी सोशल मीडिया अफवाहों से प्रेरित हिंसा को चित्रित किया है ।
Read in English : The devolution of man, and the fall of the rupee