दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के फीचर कार्टून में सतीश आचार्य, कोविड की तीसरी लहर में कर्नाटक कांग्रेस की ‘पदयात्रा‘ जारी रखने के लिए आलोचना कर रहे हैं. आचार्य ने राज्य कांग्रेस प्रमुख डी.के. शिवकुमार को सफाई देते हुए दिखाया है कि ‘पदयात्रा’ कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए थी. ‘पदयात्रा’ में कई लोगों को बिना मास्क के देखा गया था. मार्च के पांचवें दिन पांच नेताओं के संक्रामित होने के बाद पार्टी इसे करने पर मजबूर हुई.
साजिथ कुमार भी कर्नाटक में कांग्रेस की पदयात्रा पर तंज़ कस रहे हैं जिसमें वो ‘पॉजिटिव’ होने के दो अर्थ बता रहे हैं.
मंजुल बुधवार को भारत और चीन के बीच हुई एक और सैन्य वार्ता को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं जो बेनतीजा रही. दोनों देशों ने गुरुवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि वो जल्द ही फिर वार्ता करेंगे.
संदीप अध्वर्यु इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि इस महीने की शुरुआत में पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले में कथित सुरक्षा चूक जैसी घटनाओं पर मीडिया ने जिस तरह से खालिस्तान और सिख अलगाववाद का मुद्दा उठाया है उसे देखकर पाकिस्तान खुश हुआ होगा.
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से मंत्रियों और विधायकों के दलबदल करने पर आलोक निरंतर टिप्पणी करते हैं कि कैसे अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खर्च पर लाभार्थी रही है.
कृतिश भट्ट भी बीजेपी के नेताओं द्वारा दलबदल बदलने पर टिप्पणी कर रहे है. उन्होंने एक पार्टी पदाधिकारी के खुशी से हैरान होते दिखाया कि उसे एक त्याग पत्र के अलावा खाने का बिल भी मिला है.
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