दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के फीचर कार्टून में आर प्रसाद राहुल गांधी की उस टिप्पणी से उठे विवाद को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें ‘हिंदू’ और ‘हिंदुत्व’ में फर्क बताया गया था. यह ऐसा है जैसे गांधी अपनी बातें पीएम नरेंद्र मोदी को समझा रहे हों. वहीं, अन्य धर्मों के लोग नेताओं के बारे में बात करते हैं कि यह ‘बेस्ट’ हिंदू बनने की ‘प्रतियोगिता’ है.
संदीप अध्वर्यु ने शेक्सपियर के जूलियस सीज़र का जिक्र करते हुए रोमन सम्राट के उस कहावत को पूरी तरह से उलट दिया है जिसमें कहा गया था कि सत्ता के करीबी लोगों को विवाद से बचना चाहिए. वो भारत के पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई पर टिप्पणी कर रहे हैं जिन्होंने राटायर्ड होने के ठीक चार महीने बाद राज्यसभा सांसद होने के अपने फैसले का बचाव किया था. यह उनका एक ऐसा कदम था जिसकी हर तरफ आलोचना हुई थी.
सतीश आचार्य भी पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पर टिप्पणी कर रहे हैं जिन्होंने कहा कि वह संसद के एक नॉमिनेटेड सदस्य हैं और किसी भी पार्टी के व्हिप द्वारा शासित नहीं हैं. उन्होंने बयान में कहा कि ‘जब मुझे लगता है कि मैं जाता हूं, यही राज्यसभा में उपस्थित होने का मामले में है.’
साजिथ कुमार काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने वाले पीएम मोदी की तरफ ध्यान केंद्रित करते हैं कि उत्तर प्रदेश में चुनाव अधिसूचना से कुछ हफ्ते पहले लोगों की नज़रों में बने रहने की वो कोशिश कर रहे हैं.
ईपी उन्नी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन पर एक हल्की-फूल्की टिप्पणी की है जिसमें वो कहने की कोशिश कर रहे हैं कि पीएम मोदी ने दशकों से वाराणसी की समकालिक संस्कृति के एक जीवित प्रतीक शहनाई उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को याद करते हुए कहा कि वो ‘अतीत से भविष्य तक के लिए एक पुल थे.’
कीर्तिश भट्ट पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट हैक हो जाने के बाद चल रही जांच पर अपनी राय दे रहे हैं. दो राहगीर आश्चर्य करते हैं कि क्या प्रसिद्ध लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखने के लिए स्पेशल सिक्योरिटी ब्रांच थी.
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