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Sunday, 17 November, 2024
होमलास्ट लाफइतने सारे 'त्योहार' पर उत्सव नहीं और ट्विटर की 'एडिट बटन' लाने की पेशकश

इतने सारे ‘त्योहार’ पर उत्सव नहीं और ट्विटर की ‘एडिट बटन’ लाने की पेशकश

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए पूरे दिन के सबसे अच्छे कार्टून.

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दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज के फीचर कार्टून में मंजुल ने नरेंद्र मोदी सरकार की प्रवृत्ति पर चुटकी ली है जिसमें वो अपने हर ‘काम’ को एक त्योहार का लेबल दे देती है. कार्टूनिस्ट ने टैक्स के भुगतान करने से लेकर लॉकडाउन और सांप्रदायिक मुद्दों की बढ़ती लहर की ओर इशारा किया है जिसमें नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानों को बंद रखने के लिए नया आदेश शामिल है.

संदीप अध्वर्यु | The Times of India

संदीप अध्वर्यु का सुझाव है कि जब भी भारत में ईंधन की कीमतें एक नई ऊंचाई पर पहुंचती हैं तो एक नया सांप्रदायिक विवाद पैदा हो जाता है, जो ध्यान भटका देता है .

साजिथ कुमार | Deccan Herald

साजिथ कुमार 6 अप्रैल को बीजेपी के 42वें स्थापना दिवस के जश्न को उस ऊंचाई से जोड़ते हैं जो ईंधन की कीमतें छू रही हैं.

कीर्तिश भट्ट | BBC News Hindi

कीर्तिश भट्ट ट्विटर द्वारा ‘एडिट बटन’ लाने के बारे में बात कर रहे हैं और सुझाव दे रहे हैं कि सोशल मीडिया पर जिस तरह की नफरत फैलाई जा रही है ऐसा ‘बटन’ लाने के बावजूद वह कम नहीं होगा.

नाला पोनप्पा | Twitter/@PonnappaCartoon

नाला पोनप्पा यूक्रेन पर देश के आक्रमण के कारण कई पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण रूसी रूबल को ‘मलबे में कम’ होने के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के वाक्य का उपयोग करते हैं.

(इन कार्टून्स को अंग्रेज़ी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

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