दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
सुरेंद्र ने नीतीश कुमार को 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले चौराहे पर खड़ा दिखाया हैं क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी के साथ गठबंधन में पार्टी परेशानी में हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वह शिवाजी मूर्ति की ऊंचाई को दो मीटर तक बढ़ाएगी ताकि विशाल संरचना का “संतुलन” हो सके, ये कदम जो 3,600 करोड़ रुपये की प्रतिमा को 81 करोड़ रुपये तक और बढ़ाएगा।हेमंत मोरपेरिया सुझाव देते हैं कि इस तरह की चाल मूर्ति के अंतिम आकार को बदल सकती है।
( यह एक समान मूर्ति के रूप में बनानी शुरू हुई …… लेकिन यह हमारी खोज में दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बनाने के लिए………… )
कीर्तिश भट्ट केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के द्वारा लिंचिंग के अभियुक्तों के स्वागत करने के फैसले पर अपना रुख रखते हैं , जो सुझाव देते हैं कि इस तरह के समर्थक इस तरह अपराधों के आरोपी लोगों के लिए राज्य सम्मान संस्थान को ध्यान में नहीं रखेंगे।
अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने हाल ही में कहा है कि 2014 के बाद भारत ने गलत दिशा में आगे बढ़ा हैं , जब नरेंद्र मोदी ने प्रधान मंत्री पद संभाला था। मीका अज़ीज़ सरकार की संभावित प्रतिक्रिया पर कार्टून के माध्यम से अपना रुख दिखते हैं देते हैं।
आर प्रसाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के द्वारा सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देने वाले पुरुषों का समर्थन करने के लिए तंज करते हैं। कई ने सुझाव दिया है कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले ये भाजपा के द्वारा हिंदुत्व हिंसा का खुला समर्थन देने को संकेत हो सकता है।
सतीश आचार्य ने प्रधान मंत्री मोदी की टिप्पणी का प्रदर्शित किया हैं कि कांग्रेस एक ‘जमानत गाड़ी ‘ हैं , इस तथ्य के माध्यम से वो बताना चाहते हैं कि उनके कुछ नेता भी अलग-अलग मामलों में जमानत पर हैं ।
अरविंद टीएम मुकेश अंबानी के जियो इंस्टीट्यूट को प्रतिष्ठित संस्थान का पद देने देने के लिए मोदी सरकार का मज़ाक उड़ाते है, जबकि इसे अभी तक स्थापित ही नहीं किया गया है।
मीर सुहैल थाईलैंड में किये गए गुफा बचाव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जहां 12 किशोर फुटबॉल खिलाड़ी और उनके कोच को मंगलवार को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया था, बाढ़ के पानी के वजह से वो लोग असहाय फंसे हुए थे।
श्रेयस नवारे ने सुझाव दिया कि सख़्त धारा 377, औपनिवेशिक युग समलैंगिकता विरोधी कानून, पिछले साल के निजता के अधिकार के आने से ‘विलुप्त’ हो सकता है।
Read in English : Nitish Kumar at a crossroads, and the Thai cave rescue