दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के फीचर कार्टून में सजिथ कुमार स्टार स्पोर्ट्स के पुराने विज्ञापन ‘मौका मौका’ का ज़िक्र करते हुए सोशल मीडिया पर ट्रोल्स की आलोचना कर रहे हैं जो रविवार को दुबई में हुए आईसीसी टी20 विश्व कप में भारत-पाकिस्तान मैच में विराट कोहली की टीम के हार जाने के बाद उनके खिलाफ नफरत फैलाने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं.
संदीप अध्वर्यु ईंधन की बढ़ती कीमतों पर टिप्पणी करते हुए आम भारतीय जनता की स्थिती को उजागर कर रहे हैं और बता रहे हैं कि कैसे अमीरों, जिनमें से कुछ का नाम पैंडोरा पेपर्स में है उन पर इसका प्रभाव नहीं पड़ रहा है.
आर प्रसाद ने भोपाल में वेब सीरीज ‘आश्रम’ के सेट पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के तोड़फोड़ करने और इसके निर्माता प्रकाश झा के चेहरे पर स्याही लगाने की घटना का ज़िक्र किया है. आर प्रसाद आश्चर्य जता रहे हैं कि अब प्रकाश झा करण जौहर के उस बयान के बारे में क्या सोचते हैं जिसमें उन्होंने देश में ‘असहिष्णुता’ होने की बात कही थी, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने ‘करण के दिमाग में असहिष्णुता‘ होने की बात कही थी.
ई.पी. उन्नी सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की आलोचना कर रहे हैं जिसमें उसने कहा है कि वो दिवाली के बाद प्रशासनिक सेवाओं और नौकरशाहों को नियंत्रित करने से जुड़ी दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा.
कीर्तिश भट्ट हिंदुत्वादी संगठनों और बीजेपी पर विज्ञापानों से आहत होने के लिए तंज़ कस रहे हैं. फैब इंडिया के ‘जश्न-ए-रिवाज़‘ विज्ञापन के बाद अब हाल ही में डाबर ने भी अपने एक समावेशी विज्ञापन अभियान को वापस लिया है जिसमें एक लेसबीयन कपल को करवा चौथ मनाते हुए दिखाया गया है. कार्टून में बताया जा रहा है कि एक शख्स अपने नेता से कह रहा है कि वह डिटर्जेंट के विज्ञापन पर अपना रोष दिखाएं क्योंकि यह इसमें साफ नहीं कर रहे हैं कि किस धर्म के कपड़े धोए जा रहे हैं.
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