दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
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सतीश आचार्य तृणमूल कांग्रेस के स्लोगन ‘परिबोर्तन’ पर तंज करते हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के द्वारा चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को 2021 के विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए हायर करने को दर्शाते हैं.
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कीर्तिश भट्ट लोकसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनाव में खर्च किये गए पैसों पर तंज कसते हैं. एक निजी संस्था द्वारा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लोकसभा चुनाव में कुल 60,000 करोड़ का 45 प्रतिशत खर्च भाजपा ने ही किया है. भट इसे खर्च कि जगह निवेश बताते हैं.
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महमूद नई नरेंद्र मोदी सरकार में गृह मंत्री अमित शाह की बढ़ती प्रमुखता पर टिपण्णी करते हैं. क्योंकि पीएम ने कैबिनेट समितियों का पुनर्गठन किया और शाह को उनमें से दो का प्रमुख बनाया है. कार्टूनिस्ट सरकार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घटते प्रभाव को दर्शाते हैं.
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मोदी सरकार ने अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की संभावित आशंकाओं को दर्शाते हुए, साजिथ कुमार ने नवंबर 2016 की विमुद्रीकरण नीति का सन्दर्भ देकर चुटकी लेते हैं.
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नाला पोनप्पा नई शिक्षा नीति के मसौदे के विरोध पर टिप्पणी करते हैं. मसौदे के लेकर दक्षिण भारतीय राज्यों में ‘हिंदी थोपने’ के एक तरीके के रूप में देखा जा रहा है.
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डान क्विग्जोट के नावेल का जिक्र करते हुए संदीप अध्वर्यु ने नीति आयोग की रिपोर्ट पर प्रकाश डालते हैं. जिसमें भारत में चल रहे जल संकट को भारत के इतिहास में सबसे बुरे संकट के तौर देखा जा रहा है.
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