scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमलास्ट लाफआम आदमी की पीठ पर एक और 'बोझ', बाइडन के 'कसाई' वाले बयान से पुतिन को राहत क्यों मिली

आम आदमी की पीठ पर एक और ‘बोझ’, बाइडन के ‘कसाई’ वाले बयान से पुतिन को राहत क्यों मिली

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए पूरे दिन के सबसे अच्छे कार्टून

Text Size:

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज के फीचर्ड कार्टून में साजिथ कुमार ने आम आदमी पर आवश्यक दवाओं की कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी के पड़ने वाले असर का जिक्र किया है, जो पहले से ही बार-बार ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का खामियाजा भुगत रहा है. फुटपाथ पर रह रहे आम आदमी का ‘जल्दी ठीक हो जाओ’ का तकिया-कलाम फिल्म ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ से प्रेरित होकर प्रयोग किया है, जिसमें नायक विलेन को एक ही बात कहकर गांधीवादी सत्याग्रह करता है.

आलोक निरंतर | Twitter/@caricatured

आलोक निरंतर भी आवश्यक दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी पर टिप्पणी कर रहे हैं – जिसमें पैन-किलर्स और एंटीबायोटिक्स शामिल हैं – जो पेट्रोल, डीजल, एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी और महंगाई के साथ मिलकर जनता को कड़ी टक्कर देगी. पेट्रोल की कीमत में सोमवार को 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 35 पैसे की वृद्धि हुई, जिससे पिछले हफ्ते में दरों में कुल वृद्धि 4-4.10 रुपये प्रति लीटर हो गई. यह एक सप्ताह में ईंधन की कीमतों में छठी वृद्धि है.

मंजुल | Vibes of India

मंजुल विवेक अग्निहोत्री की हालिया फिल्म द कश्मीर फाइल्स का उपयोग करते हुए राजनीतिक दलों के नेताओं, विशेष रूप बीजेपी पर कटाक्ष कर रहे हैं. कश्मीर फाइल्स 1990 में घाटी से पंडितों के पलायन पर आधारित है. कार्टूनिस्ट बता रहे हैं कि नेता अपने स्वयं के एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं.

नाला पोनप्पा | Twitter/@PonnappaCartoon

नाला पोनप्पा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पर कटाक्ष कर रहे हैं, जिन्होंने घोषणा की है कि अमेरिका नाटो क्षेत्र के ‘हर इंच‘ की रक्षा करेगा, भले ही इसका मतलब तृतीय विश्व युद्ध हो, लेकिन साथ ही साथ उन्होंने नो-फ्लाई ज़ोन स्थापित करने के लिए कॉल को खारिज कर दिया. युद्धग्रस्त राष्ट्र यूक्रेन, जिससे रूस के साथ सीधा टकराव हो सकता है. यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है.

सतीश आचार्य | Twitter/@satishacharya

सतीश आचार्य दिल्ली दंगों से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट के उस अवलोकन पर टिप्पणी की है जिसमें कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई बात या ‘हेट स्पीच’ ‘मुस्कुराते हुए दी कही जाती है’ तो यह ‘अपराध’ नहीं होगा. अगर हेट स्पीच आक्रामक होकर कही जाती है तो ही वो अपराध की श्रेणी में आएगा.

(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments