दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं.जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के प्रदर्शित कार्टून में, आलोक निरंतर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजीत पवार के अपनी पार्टी के कुछ महत्वपूर्ण विधायकों के साथ पार्टी बदलने की अटकलों की ओर इशारा कर रहे हैं. महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री के फैसलों ने एनसीपी के भीतर भी हलचल मचा दी है.
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या के बाद विपक्ष लगातार बीजेपी पर पलटवार कर रहा हैं, वहीं विपक्ष द्वारा हत्याओं पर सवाल उठाने के बाद जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया कि “पाप और पुण्य का हिसाब इसी जन्म में होता है”.
आर. प्रसाद चुनाव वाले कर्नाटक में पार्टी बदलने के मौसम की ओर इशारा करते हैं, जैसा कि बीजेपी के दिग्गज नेताओं लक्ष्मण सावदी और जगदीश शेट्टार के पार्टी छोड़ने को देखा जा सकता है.
संदीप अध्वर्यु ‘विपक्षी एकता’ पर व्यंग्य कर रहे हैं क्योंकि इस बात पर कोई सहमति नहीं है कि 2024 के आम चुनाव में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के आरोपों का नेतृत्व कौन करेगा.
कार्टूनिस्ट ई.पी. उन्नी जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के हालिया विवाद पर ध्यान आकर्षित करते हैं, जिन्होंने आरोप लगाया था कि पुलवामा हमले को लेकर पीएम मोदी ने उन्हें चुप रहने के लिए कहा था.
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