दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के फीचर कार्टून में, साजिथ कुमार केंद्रीय बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान का जिक्र करते हुए कर्नाटक में कई शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम छात्रों के हिजाब पहनने पर रोक लगाने पर चल रहे विवाद पर तंज कस रहे हैं वो कह रहे हैं कि ‘हमने अमृत काल में प्रवेश कर लिया है जो एक स्वर्ण युग के बराबर है.
मंजुल हिजाब विवाद को देखते हुए भारत में बढ़ती सांप्रदायिकता पर टिप्पणी कर रहे हैं. इस विवाद के दौरान हिंदू प्रदर्शनकारियों ने हिजाब पहनने वाली मुस्लिम छात्राओं का विरोध भगवा स्कार्फ पहन कर किया.
हिजाब विवाद की ओर इशारा करते हुए ई.पी. उन्नी ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी केंद्रीय मीडिया प्रत्यायन दिशानिर्देश, 2022 पर कटाक्ष किया है. नई नीति में सुरक्षा और ‘सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता’ जैसे 10 मानदंडों की लिस्ट बनाई गई है जिसके तहत पत्रकारों को प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) से अयोग्य घोषित किया जा सकता है और आधिकारिक कार्यों और सरकारी ऑफिस में प्रवेश बैन किया जा सकता है.
आर प्रसाद इतिहास को फिर से लिखने की कोशिशों पर तंज कस रहे हैं और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की नई वाइस चांसलर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित से जोड़कर देख रहे हैं. गौरतलब है कि उनके नाम से बने एक ट्विटर हैंडल ने पहले जेएनयू के छात्रों, किसान नेताओं और विपक्ष को बीजेपी का समर्थन करते हुए और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का हवाला देते हुए फटकार लगाई थी. इसे लेकर काफी विवाद हो गया था जिसके बाद ट्विटर से अकाउंट को हटा दिया गया.
संदीप अध्वर्यु ने सरदार वल्लभभाई पटेल को चित्रित किया है – जिन्होंने भारतीय संघ में रियासतों के एकीकरण का नेतृत्व किया था. अध्वर्यु दिखा रहे हैं कि वो स्वर्ग में आज के भारत में ‘उदासीनता और इनकार’ को देख रहे हैं.
कीर्तिश भट्ट अन्ना हजारे की आमरण अनशन की चेतावनी को मीडिया कवरेज की कमी की ओर इशारा कर रहे हैं. 14 फरवरी से, सामाजिक कार्यकर्ता महाराष्ट्र सरकार के सुपरमार्केट में शराब की बिक्री की अनुमति देने के फैसले का विरोध करेंगे.
(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)