दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज खास तौर से चित्रित कार्टून में, संदीप अध्वर्यु दर्शाते हैं कि स्वामी विवेकानंद, जिन्होंने 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में सार्वभौमिक सहिष्णुता के बारे में बात की थी, वैसी आज के समय की ‘धर्म संसद‘ में नफरती भाषण के आरोप लगे हैं. 12 जनवरी को विवेकानंद की जयंती थी.
डेक्कन हेराल्ड मे साजिथ कुमार भी नरेंद्र मोदी सरकार के मुश्किल से जूझ रहे वोडाफोन आइडिया में सबसे बड़ा शेयरधारक बनने के फैसले को चित्रित करते हैं, ऐसे समय में जब आम भारतीय आर्थिक दबाव में है.
जैसा कि पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले अपशब्द एक पसंदीदा रणनीति बन गई है, कीर्तिश भट्ट बीबीसी हिंदी के अपने चित्रित कार्टून में सुझाव देते हैं कि भारत का चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करे कि राजनीतिक नेता अपने प्रचार भाषणों का 25-30% जन कल्याण से संबंधित मुद्दों को समर्पित करें.
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