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Sunday, 3 November, 2024
होमलास्ट लाफहर समस्या का एक 'स्तंभ' और 'अच्छे दिनों' को वास्तविक जीवन से विलय करना

हर समस्या का एक ‘स्तंभ’ और ‘अच्छे दिनों’ को वास्तविक जीवन से विलय करना

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सबसे अच्छे कार्टून्स.

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दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज के फीचर कार्टून में मंजुल नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले साढ़े सात साल के विकास पर तंज कस रहे हैं. वो दिल्ली में इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की ‘भव्य प्रतिमा‘ लगाने पर टिप्पणी कर रहे हैं. बता दें कि स्वतंत्रता सेनानी की 125 वीं जयंती पर 23 जनवरी को एक अस्थायी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया जिसका ग्रेनाइट का काम पूरा होना अभी बाकी है.

सतीश आचार्य | Twitter/@satishacharya

सतीश आचार्य पीएम मोदी के एक और कदम की तरफ ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिसमें इंडिया गेट पर प्रतिष्ठित अमर जवान ज्योति लौ – जो 1972 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान मारे गए सैनिकों की याद में स्थापित की गई थी – को वापस ले लिया गया और 400 मीटर की दूरी पर स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्वाला में विलय कर दिया गया.

साजिथ कुमार | Deccan Herald

साजिथ कुमार ने गोवा में कांग्रेस की चुटकी ले रहे हैं जिसके उम्मीदवारों ने भगवान के सामने आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में चुने जाने पर अन्य पार्टियों में शामिल नहीं होने का संकल्प लिया.

आर प्रसाद | Economic Times

आर प्रसाद ने सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने के मोदी सरकार के फैसले की आलोचना कर रहे हैं. वो बोस के महात्मा गांधी के विरोध का सामना करने के बाद 1939 में कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में इस्तीफा देने की तरफ इशारा कर रहे हैं.

 

ई.पी उन्नी | The Indian Express

ई.पी. उन्नी इस साल बीटिंग रिट्रीट से ईसाई भजन ‘अबाइड विद मी’ को हटाने के केंद्र के फैसले की आलोचना कर रहे हैं.

(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

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