दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सबसे अच्छे भारतीय कार्टून।
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर, और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
लीड कार्टून में, इश्तियाक अंसारी ने मजाक उडाया कि कैसे सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों ने सरकार की नीतियों की आलोचना करने से इंकार कर दिया है, जिसमें तेल की आसमान छूती कीमतें भी शामिल हैं।
दैनिक जागरण में कार्टूनिस्ट माधव जोशी ने उदाहरण देते हुए दिखाया कि भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कर्नाटक में सत्ता के लिए कुश्ती लड रहे हैं। उन्होंने इस मुकाबले की तुलना ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों से की है।
हेमंत मोरपारिया आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ चंदा कोचर को डरते हुए दिखाया है जब वे ‘शिकारी के लिए जेल’ शब्द को ‘कोचर के लिए जेल’ समाघ बैठती है।
जैसा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने चुनावों से पहले देश भर के मंदिरों में अपनी यात्रा जारी रखी है, कार्टूनिस्ट इरफान ने अपने कार्टून के जरिए राहुल गाँधी के परिवार पर निशाना साधते हुए एक कार्टून बनाया है जिसमें दिखाया गया है कि राबर्ट वाड्रा भी अलग-अलग उद्देश्यों से मंदिरों की यात्रा कर रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस में ई. पी. उन्ने ने न्यायपालिका में मचे धमाल पर अपना निशाना साधा है। उन्होंने न्यायमूर्ति चेलेमेश्वर की टिप्पणी पर संकेत करते हुए लिखा है कि यदि रंजन गोगोई को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने का प्रयास किया गया था तो चार ‘विरोधी’ न्यायाधीशों का सबसे बड़ा डर सच हो जाएगा।