दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सबसे अच्छे भारतीय कार्टून।
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
मुख्य कार्टून में, सुरेंद्र द हिंदू में दिखाते हैं कि अमित शाह दक्षिण भारत के प्रवेश द्वार में फंस गए हैं। कर्नाटक चुनाव दक्षिण भारत में भाजपा के लिए राजनैतिक दरवाजा खोलेने में काफी महत्वपूर्ण होगा।
दिन के अधिकांश कार्टून, 2013 में एक किशोर लड़की के साथ बलात्कार के मामले में पाखंडी और स्वघोषित ईश्वर आसाराम की सजा के साथ विभाजित किए गए हैं। आर. प्रसाद बताते हैं कि कैसे कठुआ से लेकर आसाराम आश्रम तक, पूजनीय स्थल बच्चों के लिए नरक बन गए हैं।
अपनेफर्स्ट पोस्ट में मंजुल ने पाखंडी और ढोंगी बाबा आशाराम की आध्यत्मिकता के पतन को चित्रित किया है, वह आध्यात्मिकता जो अब वास्तव में हथकड़ी में बदल चुकी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में संदीप अध्वर्युने शिकायतकर्ता को न्याय की रक्षा के लिए सभी बाधाओं, यहां तक कि गवाहों की हत्या के खिलाफ खड़े होकर शिकायत करने का महत्व दिखाया है।
न्यूजलांड्री में अपुपेन में देश की स्थिति को चित्रित किया है, इसमें भेड़ की खाल पहने भेड़िए देश में जो चल रहा है (वास्तविकता) उसके खिलाफ लोगों को भटका रहे हैं, यूँ कहें कि आम लोगों का ब्रेनवास कर रहे हैं।