दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सबसे अच्छे भारतीय कार्टून।
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
मुख्य कार्टून में नाला पोनप्पा ने, लोकपाल विधेयक जो 2013 में पारित किया गया था लेकिन देश को अभी भी हर राज्य में लोकपाल या लोकायुक्त नहीं मिला है, का मजाक उड़ाया है।
कार्टूनिस्ट सुहेल नक्शबंदी दुनिया भर में प्रेस स्वतंत्रता पर चुटकी लेते हुए बताते हैं कि वर्तमान में यह वास्तविकता की तुलना में केवल दर्शनीय है। 2018 प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक पर 180 देशों में भारत की रैंकिंग 138 वें स्थान पर रही।
फर्स्टपोस्ट में मंजुल ने,अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में मुहम्मद अली जिन्ना के एक चित्र के बारे में चल रहे विवाद पर एक मजाकिया नजर ड़ाली है। एक स्थानीय बीजेपी सांसद ने जिन्ना के चित्र की अवमानना को लेकर कुलगुरू को लिखा था, जो पूर्व विभाजन के दिनों से एएमयू में रहा है।जबकि गांधी का चित्र भारत के हर कोने पर लटका हुआ है, लेकिन कोई भी अपने सिद्धांतों पर ध्यान नहीं देता।
बीजेपी ने आने वाले कर्नाटक चुनावों के लिए शुक्रवार को अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया। कार्टूनिस्ट सागर कुमार दर्शाते हैं कि सरकारें आती हैं और जाती हैं, लेकिन घोषणापत्र गरीबों की मदद के लिए कुछ भी नहीं करते।
मेल टूडे में सतीश आचार्य ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से समझौता करते हैं कि उनकी पार्टी बिना विपक्ष के पंचायत चुनाव में 34 फीसदी सीटें जीत रही है। पश्चिम बंगाल लगातार मतदान स्थलों पर हो रही हिंसा का साक्षी है, कई उम्मीदवारों का दावा है कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने उन्हें चुनाव लड़ने नहीं दिया।