दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सबसे अच्छे भारतीय कार्टून।
चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।
मुख्य कार्टून में आलोक निरंतर ने चीन में मोदी और शी जिनपिंग की बैठक को संशयात्मक दृष्टि से चित्रित किया है। यद्यपि यह द्विपक्षीय वार्ता भारत-चीन संबंधों में सुधार के लिए सहायता कर सकती है, लेकिन चीन और पाकिस्तान के बीच की निकटता इस वार्ता पर पानी फेरना जारी रखती है।
मुंबई मिरर में अजीत नैनन ने यूपीए और एनडीए के बीच समानताओं का मजाक उड़ाया है। उन्होंने सुझाव दिया कि जनता अब नरेंद्र मोदी और मनमोहन सिंह को एक जैसी नजर से देखती है।
कई कार्टूनिस्टों ने उत्तरी कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन को अपने कार्टूनों का विषय बनाया है, जो नेता किम जोंग-उन और मून जे-इन को परमाणु सशस्त्र शत्रुतापूर्ण देशों के बीच एक नए संबंध का संकेत देने के लिए सीमा पर हाथ मिलाते हुए दर्शाते हैं।
कार्टूनिस्ट सजीथ कुमार अपने कार्टूनों के माध्यम से बताते हैं इस बैठक से दोनों कोरियाई देशों के बीच चूहे-बिल्ली (टॉम एडं जेरी) की रिश्तेदारी समाप्त हो सकती है।
मेल टुडे में सतीश आचार्य ने दिखाया कि जब दोनों नेताओं ने एक छोटी सी सैर के लिए सीमा पार कर ली, तो कुछ ऐसा हुआ है जो दशकों से नहीं हुआ था। यह मानवता के लिए एक बड़ा कदम था।
सुहेल नक्शबंदी बार काउंसिल ऑफ इंडिया को चिढाते हैं कि मीडिया ने घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है और वकीलों ने कठुआ बलात्कार और हत्या मामले में पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने से नहीं रोका था, हालांकि वीडियो और फोटो बस ऐसे ही दिखाए गए हैं।