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Sunday, 5 January, 2025
होमदेशयोगी के डेटा मैन, तकनीक-प्रेमी, टास्कमास्टर — कौन हैं UP के सबसे शक्तिशाली IAS अधिकारी संजय प्रसाद

योगी के डेटा मैन, तकनीक-प्रेमी, टास्कमास्टर — कौन हैं UP के सबसे शक्तिशाली IAS अधिकारी संजय प्रसाद

1995 बैच के आईएएस अधिकारी ने 9 महीने के अंतराल के बाद गृह विभाग का प्रभार फिर से संभाला है. महामारी के दौरान, जिस दौरान प्रसाद योगी के ‘सेकंड-इन-कमांड’ थे, सीएम के साथ उनकी नजदीकियां काफी बढ़ गई.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में 1995 बैच के अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के (आईएएस) अधिकारी संजय प्रसाद राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में शीर्ष पर वापस आ गए हैं. उन्होंने 9 महीने के अंतराल के बाद महत्वपूर्ण गृह विभाग का प्रभार फिर से संभाल लिया है. वर्तमान में मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात प्रसाद अब मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रमुख सचिव, गृह, सूचना, गोपनीयता, वीज़ा, पासपोर्ट और सतर्कता विभागों सहित कई प्रमुख विभागों की देखरेख करते हैं. गुरुवार देर रात हुए फेरबदल के दौरान उनका तबादला किए गए 46 आईएएस अधिकारियों में से एक था.

मई 2020 से मार्च 2024 के बीच प्रसाद ने कई विभाग संभाले हैं. हालांकि, यह व्यापक रूप से माना जाता था कि उनके कार्यभार को कम करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1990 बैच के आईएएस अधिकारी दीपक कुमार को गृह विभाग सौंपा था. योगी के साथ प्रसाद का घनिष्ठ संबंध उत्तर प्रदेश के सत्ता हलकों में चर्चा का एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है, खासकर तब जब योगी ने उन्हें एक बार फिर महत्वपूर्ण भूमिका के लिए चुना है.

योगी के पहले कार्यकाल में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अवनीश अवस्थी को सबसे प्रभावशाली नौकरशाह माना जाता था, जो गृह, वीज़ा और पासपोर्ट, जेल प्रशासन, सतर्कता, ऊर्जा और धार्मिक मामलों जैसे महत्वपूर्ण विभागों की देखरेख करते थे. योगी के दूसरे कार्यकाल में प्रसाद को अवस्थी के वास्तविक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता है, जो अक्सर मुख्यमंत्री के साथ दिखाई देते हैं.

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक सूत्र के अनुसार, “संजय के पक्ष में दो प्रमुख कारक काम करते हैं. पहला, दीपक कुमार को बहुत विनम्र माना जाता था, जबकि सीएम किसी ऐसे व्यक्ति को पसंद करते हैं जो जिला अधिकारियों को अधिक मुखर तरीके से संबोधित कर सके. दूसरा, बहराइच और संभल में हिंसक घटनाओं के बाद, सीएम को ऐसा दिखना चाहिए कि वे कार्रवाई कर रहे हैं.”

सूत्र ने यह भी कहा कि प्रसाद गृह विभाग को वापस पाने के लिए उत्सुक थे. सूत्र ने कहा, “सीएम के साथ उनके करीबी संबंधों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. सीएम के कार्यालय में, उन्हें व्यापक रूप से एक टास्कमास्टर के रूप में माना जाता है.”

दिप्रिंट से बात करते हुए यूपी बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “गृह सचिव और सूचना सचिव के पद पर पारंपरिक रूप से अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) रैंक के अधिकारी होते हैं, जो प्रमुख सचिव (पीएस) रैंक से वरिष्ठ होते हैं. हालांकि, सीएम ने इन पदों पर पीएस रैंक के अधिकारी को नियुक्त किया, जो प्रसाद पर उनका पूरा भरोसा दिखाता है.”

सूत्र ने कहा, “राजनीति में वफादारी और विश्वास मायने रखता है. पारंपरिक पदानुक्रम को दरकिनार करते हुए प्रसाद का रैंक में ऊपर उठना और ऐसी हाई-प्रोफाइल जिम्मेदारियों के लिए उनकी नियुक्ति स्पष्ट रूप से संकेत देती है कि सीएम उन्हें पसंद करते हैं.”

उनके द्वारा उठाया गया एक और मुद्दा यह था कि गृह विभाग को प्रभावी रूप से सीएम कार्यालय द्वारा प्रबंधित किया जाएगा.

‘सत्ता के सभी लोगों से अच्छे संबंध’

योगी के पहले कार्यकाल में सेवा देने वाले यूपी सरकार के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “योगी ऐसे कार्यपालकों को पसंद करते हैं जो उनके निर्देशों का पालन करें. चाहे बुलडोजर कार्रवाई हो या मुठभेड़, जो मायने रखता है वो है क्रियान्वयन, न कि सिर्फ अलग-अलग तर्क और नतीजे पेश करना. प्रसाद इस भूमिका के लिए आदर्श हैं — वे सुनते हैं और अमल करते हैं. योगी ने उन्हें गृह और सूचना विभाग में प्रमुख सचिव नियुक्त किया, जबकि अवस्थी और सहगल पहले से ही सिस्टम में थे. यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि सीएम ने बाद में उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाने की योजना बनाई थी.”

आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि सितंबर 2015 से मार्च 2019 के बीच प्रसाद रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत थे और उन्हें तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का करीबी माना जाता था. “योगी ने उन्हें अपने कार्यालय में नियुक्त करने से पहले उनकी प्रतिक्रिया मांगी होगी क्योंकि ऐसी महत्वपूर्ण नियुक्तियां आसानी से नहीं की जाती हैं. आदित्यनाथ के साथ प्रसाद का संबंध नया नहीं है; वे 1999 से 2001 तक गोरखपुर में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) थे और उन्हें तत्कालीन गोरखपुर के सांसद की ‘अच्छी किताबों’ में से एक माना जाता था.”

प्रसाद के एक बैचमेट, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश में एक अन्य प्रमुख विभाग में तैनात हैं, ने उन्हें “व्हाइट कॉलर मैन” बताया.

अधिकारी ने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा, “आप उनसे संबंधित कोई भ्रष्टाचार के आरोप या अन्य विवाद नहीं सुनेंगे. वे सत्ता के सभी लोगों के साथ अच्छे संबंध रखते हैं. जैसा कि आपने देखा होगा, कुछ विपक्षी नेताओं ने अवस्थी और सहगल को निशाना बनाया, जिनके पास समान शक्ति थी, लेकिन प्रसाद को नहीं. इसका कारण यह है कि उनके सभी लॉबी में कनेक्शन हैं. वे कभी किसी के बारे में नकारात्मक नहीं बोलते.”

महामारी के दौरान योगी के संकट मोचन

सरकारी सूत्रों के अनुसार, महामारी ने प्रसाद की सीएम के साथ नज़दीकियां काफी हद तक बढ़ा दी.

दिप्रिंट से बात करते हुए, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “प्रसाद को सीएम का ‘डेटा मैन’ माना जाता है. डेटा पर उनकी असाधारण पकड़ है और जब भी सीएम को विशिष्ट जानकारी चाहिए होती है, तो प्रसाद वो पहला व्यक्ति होते हैं जिन्हें वे कॉल करते हैं. कोविड-19 चरण के दौरान, सभी प्रासंगिक डेटा उनकी उंगलियों पर थे.”

पदाधिकारी ने कहा कि प्रसाद, जो अक्सर सीएम कार्यालय में सबसे पहले पहुंचते थे, टीकों, कोविड केंद्रों और अन्य महत्वपूर्ण अपडेट के डेटा के लिए उनके संपर्क में आ गए. ज़मीनी हकीकत का सीधे तौर पर आकलन करने के लिए वे अक्सर सीएम के साथ यात्रा करते थे. अवस्थी के कार्यभार के कारण, प्रसाद प्रभावी रूप से दूसरे नंबर के अधिकारी बन गए. यह अवधि एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई क्योंकि प्रसाद ने सीएम का पूरा भरोसा हासिल कर लिया. यहां तक ​​कि जब विपक्ष ने सरकार की आलोचना की, तब भी सीएम ने सरकारी पहलों को उजागर करने वाले डेटा-संचालित काउंटर तैयार करने के लिए प्रसाद पर भरोसा किया. अधिकारी ने कहा कि सहगल को सूचना विभाग में केंद्र के आदमी के रूप में देखा जाता था, जबकि प्रसाद स्पष्ट रूप से योगी के आदमी थे.

मूल रूप से बिहार के रहने वाले प्रसाद को फिटनेस फ्रीक भी बताया जाता है. उनके कार्यालय के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, “सर अपनी सुबह की सैर के लिए समर्पित हैं.”

उन्होंने कहा, “वे तकनीक के भी जानकार हैं. वे हार्ड कॉपी और फाइल पेपर्स के बजाय पीडीएफ, ईमेल और ऑनलाइन दस्तावेज़ को प्राथमिकता देते हैं. कार्यालय में भी उन्हें लागत बचाने वाला व्यक्ति माना जाता है.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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