लखनऊ: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा सुधार को नई दिशा और गति दी है. अब प्रदेश के 1.32 लाख विद्यालयों के 5.75 लाख से अधिक शिक्षकों और शिक्षामित्रों को कक्षा-3 की हिंदी और गणित विषय की शिक्षक संदर्शिकाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. यह वितरण तकनीकी माध्यम से ‘किताब वितरण ऐप’ के जरिए किया जा रहा है.
इन संदर्शिकाओं को प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों (KGBV) के शिक्षकों के उपयोग के लिए विकसित किया गया है. इनमें शिक्षक डायरी के उपयोग, रखरखाव और वितरण से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी दी गई है.
सरकार का कहना है कि इस बार पहली बार तकनीकी माध्यम से शैक्षणिक सामग्री का वितरण किया जा रहा है. इससे न केवल समयबद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, बल्कि पूरे राज्य की शिक्षा व्यवस्था को वास्तविक समय की निगरानी से जोड़कर नए मानक स्थापित होंगे.
परिषदीय विद्यालयों में शैक्षणिक सामग्री की पारदर्शी और समयबद्ध आपूर्ति के लिए ‘किताब वितरण ऐप’ लॉन्च किया गया है. यह क्यूआर कोड आधारित ऐप है, जिसके जरिए पाठ्यपुस्तकें, कार्यपुस्तिकाएं, शिक्षक संदर्शिकाएं और अन्य सामग्री विद्यालयों तक पहुंचाई जाती है.
सामग्री मिलते ही जिला और खंड शिक्षा अधिकारी, एसआरजी, एआरपी, डायट मेंटर, प्रधानाध्यापक और शिक्षक क्यूआर कोड स्कैन कर विवरण दर्ज करेंगे। इससे राज्य परियोजना कार्यालय को तुरंत निगरानी और कार्रवाई की सुविधा मिलेगी।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की परिषदीय शिक्षा व्यवस्था आज अभूतपूर्व बदलाव के दौर से गुजर रही है.
उन्होंने कहा, “राज्य के 1.33 लाख विद्यालयों में पढ़ने वाले 1.48 करोड़ बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए हमारे शिक्षक और शिक्षामित्र पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में गुणवत्तापरक शिक्षा, बेहतर सुविधाएं और पारदर्शी व्यवस्था हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. हमारा लक्ष्य है, हर बच्चे तक उत्कृष्ट शिक्षा पहुँचाना और उत्तर प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में आदर्श बनाना.”