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शुक्रवार, 9 मई, 2025
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लॉकडाउन के कारण यूपी लौटे प्रवासी मजदूरों को राज्य में ही रोजगार देगी योगी सरकार, मनरेगा के तहत मिलेगा काम

सरकार की कोशिश है कि इन श्रमिकों को जल भराव से संबंधित क्षेत्रों में नालों का निर्माण, सिंचाई एवं जल संरक्षण, लघु सिंचाई से जुड़े कार्यों से भी जोड़ा जाए ताकि इन्हें रोजगार मिल सके.

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लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने दूसरे राज्यों से वापस आए प्रवासी मजदूरों को राज्य में ही रोजगार देने की तैयारी कर ली है. सरकार की ओर से मनरेगा के तहत विभिन्न राज्यों से लौटे श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं.

इसके तहत प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास व पंचायती राज मनोज सिंह की ओर से सभी जिलों के सीडीओ व डीएम को इन श्रमिकों के मनरेगा के तहत जाॅब कार्ड बनवाने के आदेश दे दिए गए हैं.

दिप्रिंट को मिली इस आदेश की काॅपी में प्रमुख सचिव की ओर से कहा गया है कि तमाम श्रमिक लाॅकडाउन के कारण अपने गांव लौटे हैं. अगर वह मनरेगा के तहत रोजगार करना चाहते हैं तो उन्हें जाॅबकार्ड जारी किए जाएं. वहीं अगर किसी का जाॅबकार्ड खो गया है तो नया बनाया जाए. अगर कोई जॉब कार्ड में बाहर से लौटे परिवार के लोगों का नाम बढ़वाना चाहता है तो इसका भी प्रावधान किया जाए. जाॅबकार्ड बनवाते वक्त समाज के वंचित लोग जैसे- मुसहर, वनटांगिया, थारू, विधवा व दिव्यांगों को प्राथमिकता देते हुए रोजगार देने की बात कही गई है.

बुधवार को लखनऊ में इसे लेकर उच्च स्तरीय मीटिंग हुई जिसमें योगी सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह, उपेंद्र चौधरी व राजेंद्र प्रताप सिंह भी शामिल हुए. इस दौरान एक समिति का गठन किया गया है जिसके नोडल अधिकारी ग्राम्य विकास के प्रमुख सचिव होंगे. रोजगार से लेकर अन्य मामलों पर अधिकारी अपनी रिपोर्ट समिति को सौपेंगे. इस रिपोर्ट को कैबिनेट में रखा जाएगा.


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बता दें कि इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों संग मीटिंग में 45 दिनों के भीतर दूसरे राज्यों से लौटे करीब पांच लाख श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने को कहा था जिसके बाद कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई गई थी जो स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में काम करेगी.

नदियों के पुनरुद्धार से जुड़े काम करेंगे श्रमिक

दिप्रिंट से बातचीत में सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ग्राम्य विकास विभाग मनरेगा योजना के तहत यूपी के 49 जिलों व 855 ग्राम पंचायतों से गुजरने वाली 19 नदियों के पुनरुद्धार का काम करेगा. इस पहल से नदियों के प्रवाह की बाधाएं तो दूर होंगी ही साथ ही बड़ी संख्या में श्रमिकों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार भी मिलेगा. इस काम के लिए राज्य स्तरीय समिति बनेगी जो इन नदियों के पुनरुद्धार के लिए रोडमैप तैयार करेगी. अधिकारी के मुताबिक, सबसे पहले तीन नदियां सई, मंदाकिनी और पांडु नदी को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चिन्हित किया गया है.

इसके अलावा सरकार की कोशिश है कि इन श्रमिकों को जल भराव से संबंधित क्षेत्रों में नालों का निर्माण, सिंचाई एवं जल संरक्षण, लघु सिंचाई से जुड़े कार्यों से भी जोड़ा जाए ताकि इन्हें रोजगार मिल सके.


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2 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर यूपी लौटे

कोरोनावायरस के कारण हुए लाॅकडाउन के बाद दूसरे राज्यों से तमाम श्रमिक व मजदूर यूपी लौटे हैं. इनका सटीक आंकड़ा तो फिलहाल सरकार के पास नहीं है लेकिन अधिकारियों के मुताबिक लगभग 2 लाख से अधिक लोगों को ‘क्वारेंटाइन केंद्रों’ में रखा गया है जिसमें से एक लाख से अधिक का क्वारेंटाइन पीरियड खत्म भी हो चुका है.

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