लखनऊ/गोरखपुर: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अगले चार दिन गोरखनाथ मंदिर से ही सरकार चलाएंगे. दरअसल योगी यूपी के मुख्यमंत्री होने के साथ ही गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर भी हैं. वह शनिवार को गोरखपुर पहुंचे और अब बुधवार सुबह तक मंदिर में ही रहेंगे. इस दौरान नवरात्र की सप्तमी, अष्टमी और नवमी का पूजन करने के बाद योगी दशहरे के दिन परंपरागत विजय जुलूस की अगुवाई करेंगे.
गोरक्षपीठाधीश्वर की भूमिका भी निभाएंगे
सीएम कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार शाम को उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में पूरे विधि-विधान से महानिशा पूजन किया. योगी आदित्यनाथ सोमवार यानी नवरात्र की नवमी को अपने आवास में कन्या पूजन करेंगे और उनके पांव पखारकर उन्हें अपने हाथों से भोजन कराएंगे.
श्री @GorakhnathMndr में शारदीय नवरात्रि में चल रहे दुर्गा पूजन के अवसर पर नाथ सम्प्रदाय की परंपरा के अनुसार विधि विधान से प्रातः काल में माँ कालरात्रि एवं सांय काल में अष्टमी हवन एवं महानिशा पूजन किया।
पूजन के उपरान्त श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ वैदिक मंत्रों के साथ हुआ। pic.twitter.com/pOd573ge8S— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 5, 2019
नवरात्र समाप्त होने के बाद मंगलवार को विजयदशमी के दिन वह सुबह श्रीनाथजी की पूजा-अर्चना करेंगे और दोपहर में तिलक कार्यक्रम के बाद शाम चार बजे विजय जुलूस की अगुवाई करेंगे. जुलूस परंपरागत ढंग से मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगा, जहां वह भगवान श्रीराम का तिलक करेंगे. विजयदशमी के दिन शाम सात बजे सहभोज कार्यक्रम आयोजित होगा. इसके बाद बुधवार सुबह वह लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे.
गोरखनाथ मंदिर में भव्य तरह से मनाई जाती है नवरात्रि
बता दें कि गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र भव्य रूप में मनाया जाता है. शारदीय नवरात्र में मुख्यमंत्री योगी नौ दिन तक व्रत रखकर माता की पूजा-अर्चना करते हैं. परंपरा है कि गोरक्ष पीठाधीश्वर को कलश स्थापना के बाद पूरे नवरात्र अपने आवास में ही निवास करना होता है. हालांकि, मुख्यमंत्री पद के दायित्व को देखते हुए योगी आदित्यनाथ के लिए ऐसा संभव नहीं, लेकिन वह जब तक मंदिर में रहेंगे तब तक वहां से बाहर नहीं निकलेंगे.
गोरखपुर बना सत्ता का दूसरा सेंटर
यूपी में राजधानी लखनऊ के बाद गोरखपुर सत्ता का दूसरा सेंटर बनता जा रहा है. दरअसल, मुख्यमंत्री बनने के बावजूद योगी अक्सर गोरखपुर जाते हैं. सीएम ऑफिस से जुड़े सूत्रों की मानें तो योगी को मुख्यमंत्री बने लगभग 31 महीने हो गए और वह लगभग हर महीने गोरखपुर गए. यहां तक की हर 10 से 15 दिन के अंतराल पर वह गोरखपुर जाते ही हैं. योगी भले ही सीएम बनने के बाद लखनऊ रहने लगे हों, लेकिन गोरखपुर से अपना कनेक्ट नहीं कम किया कई बार गोरखपुर में रहते हुए ही उन्होंने अधिकारियों से चर्चा कर अहम फैसले भी लिए हैं.
पूर्वांचल की राजनीति में गोरखनाथ पीठ है ताकतवार
गोरखपुर में गोरखनाथ पीठ को पूर्वांचल की सत्ता का केंद्र भी माना जाता है. योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ पीठ के महंत और गोरखपुर से चार बार सांसद रहे अवैद्यनाथ के शिष्य हैं. सितंबर 2014 में महंत अवैद्यनाथ का निधन हो गया, लेकिन उन्होंने निधन पूर्व योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था. साल 1998 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और 26 वर्ष की आयु में सबसे युवा सांसद बने. 1998 से 2017 तक भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया.