नई दिल्ली: यस बैंक के आर्थिक संकट में गहराने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी खाताधारकों का पैसा सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि मैं लगातार भारतीय रिज़र्व बैंक के संपर्क में हूं. किसी खाताधारक को नुकसान नहीं होगा और घबराने की भी कोई जरूरत नहीं है.
वित्त मंत्री ने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर इस मामले को देख रही हूं और आरबीआई ने मुझे आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस मामले का निपटारा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आरबीआई इससे निपटने के लिए काम कर रहा है.
निर्मला सीतारमण के बयान पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं समझ सकता हूं कि वित्त मंत्री ने यूपीए को दोष देते हुए अपनी बात कही है. आत्ममुग्धता में रहने वाली सरकार के लिए ये सामान्य बात है.’
उन्होंने कहा, ‘क्या वित्त मंत्री उन आंकड़ों को समझती हैं जो मैंने ट्वीट किया है? अगर वो समझती है तो क्या वो इस बात को बताएंगी कि पिछले पांच सालों में लोन बुक 55,63 करोड़ रुपए से बढ़कर 2,42,499 करोड़ कैसे हो गया?’
I understand FM has made a statement blaming the UPA. That’s normal for a government living in ignorance.
Does the FM know the numbers that I have tweeted? If she does, will
she please explain how the loan book jumped in five years from Rs 55,633 crore to Rs 2,41,499 crore?— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) March 6, 2020
केंद्रीय बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है. वहीं देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के निदेशक मंडल ने नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक में निवेश के लिए ‘सैद्धांतिक’ स्वीकृति दे दी है.
शुक्रवार को यस बैंक का शेयर 25 प्रतिशत गिरकर खुला और सुबह के कारोबार में यह 50 प्रतिशत तक नीचे चला गया.
यस बैंक के आर्थिक संकट में फंसने के बाद इसपर लगातार राजनीति भी गहराती जा रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को एक अंग्रेज़ी अखबार में लेख लिखकर अर्थव्यवस्था और आर्थिक मंदी पर गहरे सवाल खड़े किए हैं.
राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘नो यस बैंक. मोदी और उनके विचारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है.’
No Yes Bank.
Modi and his ideas have destroyed India’s economy.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 6, 2020
पी चिदंबरम ने कहा, ‘भाजपा 6 साल से सत्ता में है, वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है. पहले पीएमसी बैंक, अब यस बैंक. क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकता है? क्या लाइन में कोई तीसरा बैंक है?’
भाजपा 6 साल से सत्ता में है, वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है।
पहले पीएमसी बैंक, अब यस बैंक। क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकता है?
क्या लाइन में कोई तीसरा बैंक है?— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) March 6, 2020
एमआईएम नेता औवेसी ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की गिरफ्तारी की मांग की है.
बैंकिंग संकट पर मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा कि यस बैंक के ग्राहकों के हितों की रक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि बैंक के जमाकर्ताओं का धन सुरक्षित है और बैंक के पुनर्गठन के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.
गुरुवार को रिजर्व बैंक ने यस बैंक के ग्राहकों पर महीने में 50,000 रुपये से ज्यादा की निकासी पर रोक लगा दी है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक के बाद सुब्रमण्यम ने कहा, ‘रिजर्व बैंक ने सही कदम उठाया है. सभी जमाकर्ताओं का धन सुरक्षित है.’ यस बैंक के पुनर्गठन के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.
रिजर्व बैंक ने यस बैंक के किसी भी तरह के नया ऋण वितरण करने, ऋण पुनर्गठित करने, निवेश करने इत्यादि पर भी रोक लगा दी है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा, ‘यस बैंक का समाधान बहुत तेजी से कर लिया जाएगा. हमने इस पर रोक के लिए 30 दिन की समय सीमा तय की है. रिजर्व बैंक की ओर से इस दिशा में आप बहुत जल्द कार्रवाई होते देखेंगे.’
उन्होंने कहा कि यस बैंक पर रोक लगाने का निर्णय किसी एक इकाई को ध्यान में रखकर नहीं किया गया. बल्कि यह निर्णय देश के बैंकिंग क्षेत्र और वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने के ‘व्यापक संदर्भ’ को लक्ष्य करके किया गया है.
दास ने कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हमारा बैंकिंग क्षेत्र पूरी तरह से सुचारू और सुरक्षित बना रहेगा.’ उन्होंने कहा कि आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक पूरी तरह तैयार है.’
रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को सरकार से मशविरा करने के बाद यस बैंक पर रोक लगायी और उसके निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है. वहीं बैंक के ग्राहकों पर भी 50,000 रुपये मासिक तक निकासी करने की रोक लगायी है. यस बैंक किसी भी तरह का नया ऋण वितरण या निवेश भी नहीं कर सकेगा.
यस बैंक पर पाबंदी लगाए जाने के बाद बैंक के परेशान जमाकर्ताओं को एटीएम से धन निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा. बैंक के ग्राहकों की मुसीबत और बढ़ गई जब उन्हें इंटरनेट बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से धन स्थानांतरित करने में भी असुविधा झेलनी पड़ी.
लंबी कतारों में खड़े जमाकर्ताओं को कहीं मशीनें बंद पड़ी मिलीं तो कहीं एटीएम में धन नहीं था.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)