नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने शुक्रवार को यासीन मलिक के संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर आतंक विरोधी कानून के तहत बैन लगा दिया है. इसे केंद्र सरकार की बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है. कैबिनेट की सुरक्षा समिति ने अातंकवाद विरोधी कानून के तहत यह कार्रवाई की है. मलिक पर जम्मू कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का कथित तौर पर आरोप है.
अलगाववादी नेता और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मालिक को फरवरी में गिरफ्तार किया गया था.
इससे पहले केंद्र ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंध लगाया था.
Central government bans Separatist Yasin Malik led Jammu Kashmir Liberation Front. pic.twitter.com/W9R2NrdOFj
— ANI (@ANI) March 22, 2019
केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने कहा, यासीन मलिक की अगुवाई में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) ने घाटी में अलगाववादी विचारधारा को जन्म दिया है और यह 1988 से अलगाववादी गतिविधियों और हिंसा के मामले में सबसे आगे है.
Union Home Secretary Rajiv Gauba: Jammu Kashmir Liberation Front led by Yasin Malik has spearheaded the separatist ideology in the valley and it has been at the forefront of separatist activities & violence since 1988. https://t.co/fHVpvQbbG5
— ANI (@ANI) March 22, 2019
गौबा ने कहा, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के खिलाफ जम्मू कश्मीर पुलिस में 37 मुकदमे दर्ज हैं. और इसमें सीबीआई और एनआईए द्वारा वायु सेना के दो जवानों के मर्डर का केस भी है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी एक मामला दर्ज किया है जिसकी जांच चल रही है.
Union Home Secretary Rajiv Gauba: 37 FIRs have been registered by Jammu and Kashmir Police against JKLF. Two cases including the case of murder IAF personnel were registered by CBI. National Investigation Agency (NIA) has also registered a case which is under investigation. https://t.co/fHVpvQsN4F
— ANI (@ANI) March 22, 2019
कौन हैं यासीन मालिक
यासीन मलिक जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का प्रमुख है. मलिक ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में 24 घंटे का अनशन किया था. जिसमें हाफिज सईद ने भी शिरकत की थी.
हुर्रियत नेता गिलानी पर कसा शिकंजा, फेमा के तहत मामला दर्ज
वहीं घाटी के अलगाववादी नेताओं पर केंद्र सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है. हुर्रियत कांफ्रेंस नेता सैयद अली शाह गिलानी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कसा है. ईडी ने शुक्रवार को बताया कि गिलानी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत आरोपित किया गया है. ईडी निदेशक संजय मिश्रा ने कहा कि गिलानी के जम्मू-कश्मीर स्थित घर से बिना हिसाब-किताब की विदेशी मुद्रा जब्त करने के बाद उन पर 14.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.
भारत सरकार ने पाकिस्तान नेशनल डे का बहिष्कार किया
भारत पाकिस्तान उच्चायोग में पाकिस्तान नेशनल डे समारोह में कोई आधिकारिक प्रतिनिधि नहीं भेजेगा. भारत ऐसा जम्मू एवं कश्मीर के हुर्रियत नेताओं को समारोह के लिए आमंत्रण भेजे जाने के खिलाफ विरोध के तहत कर रहा है. सूत्रों ने कहा अलगाववादियों को आमंत्रण संकेत देता है कि पाकिस्तान फिर से भारत के आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है और इस वजह से समारोह में एक आधिकारिक प्रतिनिधि को भेजने के लिए समय अनुकूल नहीं है.
14 फरवरी के पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद से भारत व पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव आया है. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
पाकिस्तान नेशनल डे हर साल 23 मार्च को मनाया जाता है लेकिन पाकिस्तान उच्चायोग ने इस साल इसे एक दिन पहले मनाने का फैसला किया है.
(आईएएनएस इनपुट के साथ )