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Monday, 23 December, 2024
होमदेशअगले दो दिन यमुना से दिल्ली को ख़तरा, करीब 24000 लोगों के प्रभावित होने की आशंका

अगले दो दिन यमुना से दिल्ली को ख़तरा, करीब 24000 लोगों के प्रभावित होने की आशंका

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, 'रविवार शाम छह बजे हरियाणा ने 8.28 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा है.'

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नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना का जलस्तर किसी भी समय ख़तरे के निशान को पार कर सकता है. इससे करीब 24,000 लोगों के प्रभावित होने की आशंका है. यमुना के निचले हिस्सों में रह रहे लोगों के लिए अगले दो दिन मुसीबत भरे हो सकते हैं. सोमवार शाम से बुधवार तक किसी भी समय यमुना का पानी अपना क़हर मचा सकता है. दिल्ली सरकार का कहना है कि हमने चौबीसों घंटे स्थिति पर नज़र बना रखी है.

इसी सिलसिले में दिल्ली सरकार ने सोमवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाई. बैठक के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, ‘रविवार शाम छह बजे हरियाणा ने 8.28 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा है. इसे दिल्ली आने में 36-72 घंटे लगेंगे. इससे जो भी स्थिति उत्पन्न होगी उसे लेकर हम पूरी तरह तैयार हैं.’

किसी भी इमरजेंसी कि स्थिति में इन नंबरों- 22421656, 21210849 पर संपर्क किया जा सकता है.

दिल्ली सरकार के मुताबिक राज्य में यमुना के ख़तरे का निशान 205.33 पर है जो सोमवार यानी आज शाम तक पार कर जाएगा. इसके पहले इतनी मात्रा में पानी 2013 में छोड़ा गया था, तब 8.06 लाख़ क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. केजरीवाल सरकार ने भरोसा दिलाया है कि जो भी ज़रूरतें पड़ेंगी उसकी तैयारी की जा रही है और दिल्ली की जनता को घबराने की दरकार नहीं है.

सरकार की अपील है कि यमुना किनारे जो लोग हैं वो तुरंत अपनी जगह ख़ाली कर दे. यह भी बताया गया कि दिल्ली सरकार की टीम रविवार से ही बचाव कार्य में लगी हुई है. सरकार ने लोगों के लिए टेंट भी लगाए हैं, जिसमें सारा इंतज़ाम है. हालांकि, सरकार ने ये भी कहा कि लोग बार-बार वहां से अपने घर चले जा रहे हैं. इस बात का डर है कि पानी अचानक से आएगा और स्थिति बिगड़ सकती है.

सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाने के लिए हमने 2120 टेंटों का इस्तेमाल किया है. यमुना दिल्ली के छह ज़िलों से गुज़रती है और इनके किनारों पर टेंट लगाए गए हैं. हमारी टीम सभी तरह के प्रयास कर रही है.’ सरकार की ख़ास अपली यह है कि बच्चों का ख़ास ख़्याल रखा जाए, क्योंकि वो अक्सर नदी में नहाने के लिए कूद जाते हैं.

दिल्ली सरकार से जब पूछा गया कि क्या हरियाण सरकार ने ऐसा करने से पहले दिल्ली के साथ जानकारी साझा की थी तो जवाब में कहा गया, ‘पड़ोसी राज्य ने इस बारे में हमसे कोई बात नहीं की.’ यह भी जानकारी मिली है कि दिल्ली के पास 53 बोट हैं और इसमें से 30 को इस स्थिति से निपटने के लिए लगाया गया है.

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