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Friday, 22 November, 2024
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पहलवान दिव्या काकरान ने कहा दिल्ली सरकार ने नहीं की मदद, पैसों के लिए लड़कों से लड़ी कुश्ती

दिव्या काकरान के बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बधाई दी थी. जवाब दिव्या ने दिल्ली सरकार से मदद करने और सम्मानित किए जाने की मांग की थी.

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नई दिल्ली: राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार दूसरा कांस्य पदक जीतने वाली महिला पहलवान दिव्या काकरान ने बृहस्पतिवार को प्रेस कॉन्फ्रेस दिल्ली सरकार पर किसी तरह की मदद न करने और सम्मान न देने का आरोप लगाया है. दिव्या ने कहा वह अपने पोषण और आगे बढ़ने के लिए लड़कों से लड़ीं ताकि पैसे मिल सकें. उन्होंने दिल्ली को 58 पदक दिए.

गौरतलब है कि दिव्या काकरान उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के पुरबालियान गांव की रहने वाली हैं. उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार दूसरा कांस्य पदक जीता है. दिव्या ने दिल्ली सरकार से आर्थिक तौर से सम्मानित करने की मांग की है.

दिव्या काकरान के बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बधाई दी थी. इस दौरान काकरान ने दिल्ली सरकार से उन्हें कोई मदद न मिलने का मुद्दा उठाया था. उन्होंने बर्मिंघम 68 किलो भारवर्ग में कांस्य पदक जीता है.

‘लड़कों से कुश्ती लड़ी ताकि मिल सकें पैसे’

काकरान ने कहा कि भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान दिव्या काकरान ने कहा कि मैं इतने लंबे समय से कुश्ती लड़ रही हूं. अगर वह लड़कियों से कुश्ती लड़ती तो कोई पैसे नहीं देता इसिलए लड़कों से कुश्ती लड़ीं. 2017 तक, मैंने दिल्ली को 58 पदक दिए.

सीडब्ल्यूजी 22 में कांस्य पदक जीतने वाली पहलवान दिव्या काकरान ने कहा, ‘मैं 2017 में एशिया में पदक जीतने के बाद सीएम केजरीवाल से मिली, उन्हें लिखित में एक पत्र देने पर मुझे मदद का आश्वासन दिया था. मैंने किया, लेकिन वह मेरे पास कभी वापस नहीं आया. उन्होंने न्यूट्रिशन, यात्रा, किसी भी अन्य खर्च के साथ मेरी किसी भी तरह से मदद नहीं की.’

‘मैं अत्यधिक गरीबी से आई हूं, मेरे पास यात्रा करने के लिए पैसे नहीं थे, मैं ट्रेन के शौचालयों के बगल में बैठना पड़ा है, प्रतियोगिताओं के लिए जनरल बोगी में यात्रा की. दिल्ली सरकार ने कभी हमारी मदद नहीं की. मैंने 2018 में यूपी से लड़ना शुरू किया.’

दिव्या ने कहा कि 2019 में यूपी सरकार ने मुझे रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार दिया. 2020 में उन्होंने मुझे आजीवन पेंशन दी. कल, उन्होंने 50 लाख रुपये और एक राजपत्रित अधिकारी रैंक पद की घोषणा की. यूपी सरकार ने मेरी मदद की, यहां तक ​​कि हरियाणा सरकार ने भी. लेकिन दिल्ली कभी मदद के लिए नहीं आई.

केजरीवाल पर मदद न करने का लगाया था आरोप

जहां एक तरफ कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की लगातार जीत की बधाइयां दी जा रही हैं वहीं पर कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला के 68 किलोग्राम की कैटेगरी में कांस्य पदक जीतने वाली फ्री स्टाइल रेसलर दिव्या काकरन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर आर्थिक सहायता न दिए जाने पर 8 अगस्त को आरोप लगाया था. फ्री स्टाइल रेसलर दिव्या काकरन ने कहा था कि, ‘मेडल की बधाई देने पर दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री जी को तहे दिल से धन्यवाद मेरा आपसे एक निवेदन है की मैं पिछले 20 साल से दिल्ली मे रह रही हूं और यहीं अपने खेल कुश्ती का अभ्यास कर रही हूं परंतु अब तक मुझे राज्य सरकार से किसी तरह की कोई इनाम राशि नही दी गई न कोई मदद दी गई है.’

आगे उन्होंने कहा था कि ‘मैं आपसे इतना निवेदन करती हूं की जिस तरह आप अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं जो दिल्ली के होकर किसी ओर स्टेट से भी खेलते है उसी तरह मुझे भी सम्मानित किया जाये.’


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