नई दिल्लीः कोविड-19 के खतरे के खिलाफ बने वैज्ञानिकों के एक संगठन ने मंकीपॉक्स बीमारी को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है.
एक दिन पहले वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख इस बात की घोषणा की थी कि इंटरनेशनल हेल्थ रेग्युलेशन इमरजेंसी कमेटी को 32 गैर-महामारी वाले देशों में मंकीपॉक्स के फैलने की वजह से आयोजित की गई थी.
एक्सपर्ट्स 23 जून को मिलेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह महामारी अतर्राष्ट्रीय स्तर की पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी है या नहीं जो कि अभी तक सिर्फ पोलियो और कोविड-19 है.
#BreakingNews WHN declares #Monkeypox a #pandemic. There are now 3,417 confirmed cases reported across 58 countries and rapidly expanding across continents. It will not stop without concerted #precautionary global action. https://t.co/frgxxIGTEr #MPVX #globalaction #disease pic.twitter.com/tAE9wE0PPl
— World Health Network (@TheWHN) June 23, 2022
विश्व स्वास्थ्य नेटवर्क द्वारा मंकी पॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया जाना दिखाता है कि यह महामारी सिर्फ एक देश या क्षेत्र तक सीमित नहीं है और इसके कम्युनिटी ट्रांसमिशन के स्तर तक पहुंचने के पहले इसका हल ढूंढना जरूरी है.
डब्ल्यूएचएन ने कहा, ‘वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क मंकीपॉक्स आउटब्रेक को वैश्विक स्तर की पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करता है, जिससे पता चलता है कि यह बीमारी किसी एक देश या क्षेत्र तक सीमित नहीं है और इसलिए जहां कहीं भी कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है वहां इसे रोकने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए.’
लगभग 58 देशों में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ रहे हैं और इसकी दर हफ्ते दर हफ्ते बढ़ रही है. इस बीमारी की वजह से तेज दर्द, चकत्ते, अंधापन और मौत तक हो सकती है जो कि मंकीपॉक्स के मामलों में देखा गया है.
बच्चों में इसके काफी गंभीर लक्षण देखने को मिल सकते हैं. इसके अलावा जंगली जीवों जैसे चूहों, गिलहरी, पालतू पशु इसके वाहक बन सकते हैं.
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