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Friday, 22 November, 2024
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वर्क फ्रॉम होम ने बड़े शहरों के पेशेवरों का सपना हकीकत में बदला—गोवा में संपत्ति खरीदकर या किराये पर लेकर समुद्र तट का मजा ले रहे

अधिकांश लोग गोवा में अंजुना और वागाटोर जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के पास संपत्ति खरीद या किराये पर ले रहे हैं, जिससे इस बीच टाउन के कोविड से प्रभावित रियल एस्टेट व्यवसाय को काफी गति मिली है.

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मुंबई: उत्तरी गोवा स्थित शर्मा रियल एस्टेट ब्रोकरेज फर्म के प्रोपराइटर नीरज शर्मा मार्च में कारोबारी मंदी से बुरी तरह प्रभावित हो गए, जब कोविड-19 की वजह से पूरे देश और दुनिया के अधिकांश हिस्सों में लॉकडाउन हो गया. गोवा में रेंटल मार्केट का एक अहम हिस्सा मानने वाले प्रवासियों ने बड़ी संख्या में यह शहर छोड़ दिया क्योंकि कुछ लोगों की नौकरियां छूट गईं और बाकी ने वर्क फ्रॉम होम शुरू कर दिया. दफ्तरों के बंद होने या सीमित जगह में ही चलने के कारण कॉमर्शियल रेंटल का बाजार भी इस दौरान बुरी तरह प्रभावित हो गया.

लेकिन फिर 1 सितंबर को गोवा सरकार ने अपनी सीमाएं खोल दीं और लोगों की आवाजाही पर हर तरह के प्रतिबंध हटा दिए, और इसके साथ ही शर्मा के कारोबार में रौनक लौटने लगी, हालांकि यह बहुत ज्यादा नहीं थी.

शर्मा ने बताया, ‘हम अपना नियमित कारोबार तो खो चुके हैं लेकिन गोवा के बाहर के लोगों से बहुत सारे फोन आ रहे हैं, जो यहां मकान खरीदना या किराये पर लेना चाहते हैं, क्योंकि वैसे भी उन्हें फिलहाल घर पर रहकर ही काम करना है. ये ज्यादातर मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे बड़े शहरों के लोग हैं. ऐसे लोगों के कारण कारोबार की स्थिति कुछ बेहतर हुई है.’

अब जबकि कोविड-19 का खतरा बढ़ ही रहा है और तमाम दफ्तर अपने कर्मचारियों को घर से कामकाज की अनुमति दे रहे हैं—यहां तक की कुछ जगह अनिश्चितकाल के लिए वर्क फ्रॉम होम कर दिया गया है—बड़े बड़े शहरों के लोगों ने गोवा में रहने का अपना सपना साकार करना शुरू कर दिया है. गोवा के रियल एस्टेट बाजार के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इसके कारण मध्यम से उच्च श्रेणी के विला, सुरक्षित सोसाइटी वाले अपार्टमेंट के साथ राज्य में लक्जरी सेगमेंट में आने वाले घरों की मांग भी बढ़ी है.


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किराया आधा और जगह दोगुनी

25 वर्षीय ध्रुव सच्चर, जो मुंबई की एक विज्ञापन एजेंसी में काम करते हैं, एक महीने पहले ही अपने चार दोस्तों के संग पर्रा स्थित एक घर में रहने आए हैं.

पर्रा एक बेहद खूबसूरत और ताड़ के पेड़ों से घिरा हरा-भरा गांव है, जो मापुसा शहर के बाहरी इलाके में स्थित है और गोवा के पर्यटन मानचित्र में खासे लोकप्रिय अंजुना और वागाटोर समुद्र तटों से भी करीब है. सच्चर के लिए यह मुंबई के भीड़भाड़ और जबर्दस्त ट्रैफिक वाले गोरेगांव में रहने से एकदम अलग अनुभव है, जहां वह अभी हाल-फिलहाल तक रह रहे थे.

सच्चर ने कहा, ‘मुझे गोवा बहुत ज्यादा पसंद है और हमेशा से ही यहां घूमना चाहता था. महामारी ने मेरा सपना पूरा करा दिया. हम घर से काम कर रहे थे और हमें बताया गया कि अभी अनिश्चितकाल के लिए ऐसे ही व्यवस्था रहेगी. जब वापस कार्यालय जाना होगा तो हमें एक महीने पहले ही बता दिया जाएगा.’ साथ ही बताया कि यहां काम खत्म करने के बाद वह अक्सर टहलने निकल जाते हैं या फिर अपने पसंदीदा बार में चले जाते हैं.

अभी सच्चर ने तीन महीने के लिए लीज पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन उनके मकान मालिक ने आश्वास्त किया है कि वह और उनके दोस्त चाहें तो इसे बढ़ा सकते हैं और लंबे समय तक यहां रह सकते हैं.

सच्चर और उनके दोस्त गोवा में अपने चार बेडरूम वाले घर के लिए हर महीने 40,000 रुपये का भुगतान कर रहे है. उन्होंने बताया, ‘मैं मुंबई में एक-बेडरूम के फ्लैट के लिए इसकी आधे से ज्यादा रकम चुका रहा था.’

एक मीडिया कंपनी में टैलेंट एक्वीजिशन मैनेजर अक्षत अवस्थी ने थोड़ी ‘ज्यादा अच्छी जीवनशैली’ के उद्देश्य से गोवा का रुख किया है. वह अपनी फ्रीलांस विजुअल डिजाइनर पत्नी और एक कुत्ते स्काई के साथ यहां आए हैं.

अवस्थी ने बताया, ‘हमें उत्तरी गोवा के कैनका में एक घर मिला है. यहां किराया 50-60 फीसदी तक सस्ता है. हमने 11 महीने की लीज पर घर लेकर यहां रहने की योजना बनाई है. स्काई को कई बार हमने समुद्र तट की सैर कराई है और उसे यह काफी पसंद आता है.’

किराया थोड़ा बढ़ा, इन्वेंटरी लगभग पूरी

रियल एस्टेट डेवलपर्स का कहना है कि लोगों को गोवा के उत्तरी तट, जैसे वागाटोर, सियोलिम, असगाओ और गोवा के भीतरी इलाकों के आसपास के क्षेत्रों में काफी दिलचस्पी है.

गोवा एसोसिएशन ऑफ रियल्टर्स के अध्यक्ष अमित चोपड़ा ने कहा कि कम और ज्यादा समय की लीज का विकल्प चुनने वाले लोगों के बढ़ने से किराये में करीब 5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है.

उन्होंने आगे कहा, ‘कुछ क्षेत्रों में तो किराया 10-15 प्रतिशत तक बढ़ गया है. अभी तक तो यहां तमाम घर उपलब्ध हैं लेकिन जिस तरह लोगों की आमद बढ़ रही है जल्द ही यहां घर मिलना मुश्किल हो जाएगा.’

एस्काला रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक चोपड़ा ने बताया कि सबसे ज्यादा आईटी क्षेत्र के कर्मचारी गोवा का रुख कर रहे हैं क्योंकि उनकी नौकरी में ‘वर्क फ्रॉम होम’ की व्यवस्था अपेक्षाकृत ज्यादा स्थायी नजर आ रही है.

उन्होंने बताया कि संपत्ति की बिक्री में भी वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा, ‘जो निवेशक हमेशा गोवा पर नजरें टिकाए रहते थे, उन्हें लग रहा है कि यह निवेश के लिहाज से अच्छा समय है. महामारी ने लोगों के सोचने का तरीका भी एकदम बदल दिया है. मुंबई में जिनके पास 20 करोड़ रुपये का फ्लैट है, वे गोवा में सिर्फ 4 करोड़ रुपये की कीमत वाले भव्य विला में निवेश कर रहे हैं. आज, लक्जरी सेगमेंट की इन्वेंटरी लगभग खत्म हो गई है.’

गोवा में कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के पूर्व अध्यक्ष जगन्नाथ देश प्रभुसाई ने कहा कि पूरे दो महीने के लॉकडाउन के दौरान ही यहां घर खरीदने के लिए खोजबीन में सबसे ज्यादा तेजी आई.

उन्होंने कहा, ‘कोविड के लिहाज से स्थिति में कोई सुधार नहीं है. लेकिन गोवा का रियल एस्टेट बाजार तेजी पकड़ रहा है. मुंबई और दिल्ली जैसे स्थानों के लोग यहां संपत्ति खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं. कई लोग मकान खरीद रहे हैं और उन्हें छुट्टी के लिए किराये पर दे रहे हैं. लोगों की सबसे ज्यादा रुचि समुद्र तटों के करीब उत्तरी गोवा के इलाके में है.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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