मुंबई: अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े कथित ड्रग केस में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की विवादास्पद जांच के बीच एक गवाह ने दावा किया है कि उससे एक सादे कागज पर हस्ताक्षर कराए गए थे और साथ ही इस मामले को लेकर करोड़ों का लेन-देने होने का आरोप भी लगाया है.
यह गवाह प्रभाकर सैल इसी मामले में एक अन्य गवाह के.पी. गोसावी के लिए काम करता रहा है, जो आधिकारिक तौर पर एनसीबी से जुड़े नहीं हैं लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की तरफ से रिलीज एक वीडियो में उन्हें उसके मुंबई स्थित मुख्यालय में कथित तौर पर आर्यन खान को एस्कॉर्ट करते देखा जा सकता है.
माना जाता है कि सैल ने शनिवार को एक नोटरीकृत हलफनामे में आरोप लगाए हैं. उन्होंने पत्रकारों के लिए जारी एक वीडियो में अपने दावों को दोहराया, और गोसावी के अचानक ही लापता हो जाने को लेकर आशंकाएं जताते हुए हुए अपनी जान को खतरा होने की बात भी कही. आर्यन खान मामले में अपनी भूमिका को लेकर उठे विवाद के बाद से गोसावी कथित तौर पर लापता है.
सैल ने आरोप लगाया है कि उसने गोसावी को 25 करोड़ रुपये की मांग करते और 18 करोड़ पर समझौते के बारे में बातें करते सुना था जिसमें ‘आठ करोड़ रुपये एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को दिए जाने थे. 2 अक्टूबर की कथित रेड के पीछे वानखेड़े ही थे जिसमें आर्यन की गिरफ्तारी हुई थी.
सैल ने यह बात तो स्पष्ट नहीं की कि धन की मांग किसने की थी. हालांकि, इसके तुरंत बाद वह गोसावी और शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी के बीच एक कथित मुलाकात का जिक्र करते हैं.
सैल ने एक वीडियो स्टेटमेंट में कहा, ‘मैं आज यह वीडियो इसलिए जारी कर रहा हूं क्योंकि मुझे समीर वानखेड़े (एनसीबी जोनल डायरेक्टर) से डर लग रहा है. मेरी पत्नी ने भी कुछ दिन पहले फोन किया था और उसके पास सामान्य पूछताछ के लिए पुलिस की तरफ से फोन आए थे.’
गवाह ने आगे कहा, ‘अगर मेरे परिवार को कुछ हो गया तो मैं किसके लिए जीऊंगा? मुझे तो अब समीर वानखेड़े से डर लगने लगा है, इसलिए ये सब मैं एक वीडियो के जरिए बताने की कोशिश कर रहा हूं. धन्यवाद.’
दिप्रिंट ने फोन कॉल के जरिये सैल से संपर्क साधा लेकिन उसका नंबर स्विच ऑफ मिला. एनसीबी ने रविवार को एक बयान में कहा कि वानखेड़े ने ‘इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.’
एनसीबी के उप महानिदेशक मुथा अशोक जैन ने कहा, ‘चूंकि हलफनामे में शामिल कुछ बातें सतर्कता के लिहाज से काफी अहम हैं, इसलिए मैं इसे महानिदेशक नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पास भेज रहा हूं और उनसे आगे की आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध कर रहा हूं.’
आर्यन खान को मुंबई के एक क्रूज पर कथित तौर पर ड्रग्स से जुड़ी एक पार्टी पर एनसीबी की छापेमारी के बाद दो अन्य लोगों—मुनमुन धमेचा और अरबाज मर्चेंट—के साथ हिरासत में लिया गया था. ये तीनों ही कथित तौर पर ड्रग्स रखने और इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
सैल ने वायरल हो रहे अपने हलफनामे में 22 जुलाई से गोसावी के निजी अंगरक्षक के तौर पर काम करने का दावा किया है. उसका कहना है कि वह पहले गोसावी के साथ उनके ठाणे स्थित पर आवास पर रह रहा था और फिर सितंबर 2021 में वाशी में रहने लगा.
सैल ने हलफनामे में कहा, ‘… मुझे के.पी. गोसावी का फोन आया था जिन्होंने मुझे पंच के तौर पर हस्ताक्षर करने को कहा और मुझे एनसीबी कार्यालय बुलाया. मैं वहां पहुंचा और समीर वानखेड़े ने कर्मचारियों को मेरे हस्ताक्षर लेने का निर्देश दिया और सालेकर नाम के एनसीबी के किसी कर्मचारी ने मुझे दस कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने को कहा.
सैल के मुताबिक, ‘सालेकर ने मुझसे मेरे आधार का नंबर मांगा. चूंकि मेरे पास आधार कार्ड नहीं था, इसलिए मैंने उससे पूछा कि क्या मैं उसकी सॉफ्टकॉपी उसके व्हाट्सएप पर भेज सकता हूं.’
हलफनामे में कहा गया है कि सैल ने गोसावी को सैम डिसूजा नामक एक व्यक्ति से बात करते सुना, ‘आपने 25 करोड़ का बम लगाया, 18 में मामला सुलटा लीजिए क्योंकि हमें समीर वानखेड़े को भी आठ करोड़े देने हैं.’
इसमें आगे बताया गया है, ‘कुछ मिनटों के बाद नीले रंग की एक मर्सिडीज कार मौके पर पहुंची और मैंने देखा कि पूजा ददलानी कार में आई हैं. सैम, के.पी. गोसावी और पूजा ददलानी मर्सिडीज में बैठकर बातें करने लगे.
सैल कहते हैं, ‘के.पी. गोसावी अब लापता है और मुझे डर है कि एनसीबी के अधिकारी और इसमें शामिल अन्य व्यक्ति के.पी. गोसावी की तरह मुझे गायब कर सकते हैं या मार सकते हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘जैसा तमाम बड़े मामलों में देखा गया है, गवाहों को अक्सर मार दिया जाता है और गायब कर दिया जाता है और इसलिए मैं सारी सच्चाई को सामने रखना चाहता हूं.
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सैल के हलफनामे और वीडियो स्टेटमेंट के मुताबिक आखिर क्या-क्या हुआ
हलफनामे के मुताबिक, गोसावी 27 सितंबर को सफेद रंग की इनोवा में सड़क मार्ग से अहमदाबाद रवाना हुए और सैल को वहीं रुकने को कहा. 1 अक्टूबर की रात को गोसावी ने कथित तौर पर सैल को बताया कि वह अहमदाबाद से निकल गए हैं और उसे अगले दिन सुबह 7.30 बजे तक तैयार रहने के लिए कहा. गोसावी ने सैल के गूगल-पे एकाउंट में 500 रुपये ट्रांसफर किए और उसे उस पते पर पहुंचने को कहा जो एनसीबी का कार्यालय था.
गोसावी के ड्राइवर ने कथित तौर पर सैल को बताया कि गोसावी एनसीबी कार्यालय में थे. सुबह 10 बजे गोसावी और एक एनसीबी अधिकारी सफेद इनोवा में चले गए और दोपहर में सैल को बलार्ड पियर में ग्रीन गेट पर बुलाया. गोसावी और सैल ने फिर एक जगह से कुछ स्नैक्स खरीदे और कथित तौर पर ग्रीन गेट लौटकर आने पर उन्हें एनसीबी टीम को दे दिया.
सैल ने हलफनामे में आगे बताया, ‘इसके बाद मुझे परिसर न छोड़ने का निर्देश दिया गया और ग्रीन गेट के पास क्रूज के वेटिंग एरिया में रुकने को कहा गया.’
इसके बाद गोसावी ने कथित तौर पर सैल को कुछ तस्वीरें भेजीं और उससे उन लोगों पर नजर रखने को कहा.
सैल ने हलफनामे में बताया, ‘रात करीब 10.30 बजे के.पी. गोसावी ने मुझे बोर्डिंग एरिया में बुलाया और मैंने आर्यन खान को क्रूज बोर्डिंग एरिया के एक केबिन में देखा. मैंने एक लड़की मुनमुन धमेचा और कुछ अन्य लोगों को भी एनसीबी अधिकारियों के साथ देखा.’ साथ ही यह भी बताया कि गोसावी सफेद इनोवा में आर्यन खान को लेकर एनसीबी दफ्तर पहुंचे जब सैल वहां से पैदल ही गया.
एनसीबी कार्यालय में गोसावी ने सैल से पंच गवाह बनने को कहा, जिसके बाद उससे एक कोरे कागज पर दस्तखत कराए गए.
सैल ने अपने वीडियो बयान में कहा कि उसने एनसीबी कार्यालय में गोसावी के साथ बातचीत करते हुए आर्यन खान की कुछ तस्वीरें और वीडियो चुपके से ले लिए थे.
एनसीबी के उप महानिदेशक जैन का कहना है कि सेल को अपने दावों के साथ अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘इस मामले में वह एक गवाह हैं और चूंकि मामला माननीय अदालत के समक्ष और न्यायिक प्रक्रिया के अधीन है, अगर उन्हें कुछ कहना ही है तो सोशल मीडिया का सहारा लेने के बजाए उन्हें अपनी बात कोर्ट के सामने कहनी चाहिए थी.’
उन्होंने कहा, ‘यही नहीं हलफनामे में कुछ लोगों के खिलाफ ऐसे आरोप हैं जो सतर्कता से जुड़े हैं. ये प्रभाकर की सुनी-सुनाई बातों पर आधारित हैं. हमारे जोनल डायरेक्टर, मुंबई जोन यूनिट, समीर वानखेड़े ने इन आरोपों का स्पष्ट तौर पर खंडन किया है.’
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‘तारदेव जाकर 50 लाख रुपये नकद लेने को कहा गया’
हलफनामे में बताया गया है कि गोसावी की ब्लू मर्सिडीज में ददलानी के साथ कथित मुलाकात के बाद वह और सैल राज्य सचिवालय, मंत्रालय गए, जहां पर भी गोसावी ने ‘किसी से बात की.’
सैल ने अपने वीडियो बयान में कहा कि गोसावी ने सैम से बात की, जिन्होंने कहा, ‘वो पूजा ददलानी मेरा फोन नहीं उठा रही है.’
गोसावी और सैल तब कथित तौर पर गोसावी के वाशी स्थित घर पर पहुंचे, जहां गोसावी ने सैल को सफेद इनोवा लेकर तारदेव जाने और 50 लाख रुपये नकद लेकर आने को कहा. इस लेनदेन की प्रकृति या उद्देश्य के बारे में हलफनामे या बयान में स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बताया गया है.
सैल ने हलफनामे में कहा, वह मौके पर पहुंचा और एक सफेद कार से आए किसी व्यक्ति ने उसे दो बैग में भरी नकदी दी, जिसे लेकर वह वाशी पहुंचा और उसे गोसावी को दे दिया, जो कहीं जाने की तैयारी में पैकिंग कर रहा था.
हलफनामे में आगे बताया गया है कि अगले दिन गोसावी ने सैल को उससे नकद लेने के लिए एक अन्य जगह भेजा और उसे सैम को सौंप देने को कहा जिसने उसे ट्राइडेंट होटल के पास बुलाया था.
सैल के मुताबिक, ‘मैंने यह नगदी उनकी कार इनोवा क्रिस्टा में उन्हें सौंप दी. हालांकि, जब उन्होंने नगदी गिनी तो यह केवल 38 लाख थी, मैं वहां से निकलकर वाशी के लिए रवाना हो गया.’
सैल ने वीडियो स्टेटमेंट में कहा कि सैम ने उससे 12 लाख रुपये कम होने के बारे में सवाल-जवाब किया तो उसने इस पर गोसावी से बात करने को कहा.
शिवसेना, कांग्रेस ने एनसीबी की खिंचाई की
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने रविवार को एक वीडियो ट्वीट किया जिसे सैल ने कथित तौर पर एनसीबी कार्यालय के अंदर बनाया था. वीडियो में गोसावी को कथित तौर पर आर्यन खान को मोबाइल फोन पर किसी से बात करने के लिए कहते देखा जा सकता है.
Witnes in #AryanKhan case made to sign on blank paper by NCB is shocking. Also thr r reports that thr ws demnd of huge money .CM UddhavThackeray said tht ths cases r made 2 defame Mah’shtra.Ths seems 2b comng tru @Dwalsepatil
Police shd tk suo moto cognizance@CMOMaharashtra pic.twitter.com/zipBcZiRSm— Sanjay Raut (@rautsanjay61) October 24, 2021
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंधे ने कहा, ‘प्रभाकर सैल ने एक हलफनामा दिया है, एक वीडियो जारी है और एक पूरे घटनाक्रम के बारे में भी बताया है कि कैसे वे येलो गेट (ग्रीन गेट के करीब) पर समीर वानखेड़े से मिले, कैसे वहां से गए, फ्रेंकी खाए गए. सीसीटीवी से इसकी पुष्टि की जा सकती है. केंद्र सरकार प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है. इससे लोकतंत्र तो खतरे में है ही और अगर अधिकारियों को भी फायदा हो रहा है तो यह बहुत गंभीर बात है. महाराष्ट्र सरकार को अपनी मशीनरी से इसकी जांच करानी चाहिए.
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