मुंबई: महाराष्ट्र में विधायिका के शीतकालीन सत्र और पिछले कुछ हफ्तों में राजनेताओं के यहां हुई कम से कम पांच हाई प्रोफाइल शादियों को ‘सुपरस्प्रेडर’ घटनाओं के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि राज्य के कई राजनेता कोविड-19 की गिरफ्त में आ गए हैं.
22 दिसंबर को विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के कई मंत्रियों के अलावा 50 से अधिक पत्रकार, पुलिस कर्मी, राज्य सरकार के कर्मचारी, विधायक आदि जांच में कोविड पॉजिटिव निकले हैं. इस सत्र का समापन 28 दिसंबर को हुआ था.
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने 1 जनवरी को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि कम से कम 10 मंत्री और 20 विधायक कोविड पॉजिटिव हैं, हालांकि उन्होंने उनके नाम जाहिर नहीं किए थे.
दिप्रिंट ने स्वतंत्र रूप से महाराष्ट्र के छह मंत्रियों और नौ विधायकों के कोविड पॉजिटिव होने का पता लगाया, जिनमें से कुछ को पिछले केवल दो दिनों के अंदर टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया है.
कोविड पॉजिटिव कैबिनेट और राज्य मंत्रियों में वर्षा गायकवाड़, बालासाहेब थोराट, यशोमती ठाकुर, के.सी. पड़वी, एकनाथ शिंदे और प्राजक्ता तानपुरे शामिल हैं.
शीतकालीन सत्र के दौरान या बाद में जिन विधायकों को कोविड पॉजिटिव पाया गया, उनमें से ज्यादातर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हैं. इनमें राधाकृष्ण विखे पाटिल, हर्षवर्धन पाटिल, माधुरी मिसल, समीर मेघे, विद्या ठाकुर और अतुल भाटखलकर शामिल हैं.
शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के सत्तारूढ़ गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के कई विधायक भी इस अवधि में पॉजिटिव पाए गए. इनमें एनसीपी के रोहित पवार और शेखर निकम और कांग्रेस के धीरज देशमुख शामिल हैं.
शिवसेना विधायक भास्कर जाधव ने दिप्रिंट से कहा कि तमाम सावधानियां बरते जाने के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में कोविड केस सामने आना ‘हैरान’ करने वाला है.
जाधव ने कहा, ‘विधानसभा सत्र के बाद कोविड केस की बड़ी संख्या आश्चर्यजनक है. सदन में प्रवेश की अनुमति से पहले हर व्यक्ति की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट की बहुत बारीकी से जांच की गई. दोनों ही सदनों में हम सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर ही बैठते थे.’ उन्होंने साथ ही जोड़ा कि यह सच है कि उस दौरान कई हाई-प्रोफाइल शादियां भी हुई थीं.
महाराष्ट्र में पिछले दो हफ्तों के दौरान कोविड-19 मामलों में बड़ा उछाल आया है, जहां सक्रिय केस लोड 22 दिसंबर को 7,350 से बढ़कर 3 जनवरी को 52,422 हो गया. राज्य सरकार के बुलेटिन के अनुसार, कुल सक्रिय मामलों में से 71 प्रतिशत अकेल मुंबई के हैं.
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शीतकालीन सत्र बना ‘हॉटस्पॉट’
पिछले महीने राज्य विधायिका का शीतकालीन सत्र मार्च 2020 में महामारी शुरू होने के बाद से अब तक का सबसे लंबा सत्र था. अब तक, राज्य सरकार महामारी के कारण केवल दो दिवसीय सत्र ही आयोजित कर रही थी.
विधायी कार्यवाही पर नजर रखने वाले राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि हरसंभव सावधानी बरती गई थी.
अधिकारी ने बताया, ‘हमने इस पर जोर दिया कि विधान भवन में प्रवेश करने वाले प्रत्येक सदस्य को दोनों टीके लगने के प्रमाणपत्र के साथ ही आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. चूंकि यह पांच दिवसीय सत्र था, इसलिए सदन में प्रवेश करने वाले सभी लोगों से तीसरे दिन के बाद एक नई आरटी-पीसीआर रिपोर्ट मांगी गई.’
हर दिन सत्र में शामिल होने वाले तमाम पत्रकारों, राजनेताओं और नौकरशाहों ने दिप्रिंट को बताया कि गेट पर मौजूद पुलिस कर्मी पूरी गंभीरता के साथ जांच कर रहे थे. सावधानी इस कदर बरती गई थी कि शिवसेना नेता रामदास कदम को तो गेट पर रोक लिया गया था.
राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि कदम के पास वैध आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नहीं थी. फिर भी वह बहस करने में जुटे थे. आखिरकार, शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे कदम के बचाव में आए और उनको एक निगेटिव रैपिड एंटीजन टेस्ट के बाद अंदर जाने दिया गया.
एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि सरकार ने सभी विधायकों, कर्मचारियों, पुलिस कर्मियों और पत्रकारों के लिए विधान भवन में ही एक कैंप लगाया था और सत्र की अवधि में कुल 2,300 टेस्ट किए गए. इनमें 50 से अधिक पॉजिटिव पाए गए. अधिकारी ने कहा, ‘हमने विधायकों को ये विकल्प भी दिया था कि वह अपने गृह नगरों के अलावा विधानसभा के बाहर भी टेस्ट करा सकते हैं.’
अन्य सावधानियों के साथ-साथ विधायिका के प्रवेश द्वार और दोनों सदनों के अंदर एक अल्टावॉयलट (यूवी) सैनिटाइजर रखा गया था. हर सत्र शुरू होने से आधे घंटे पहले दोनों सदनों को साफ किया जाता था.
हालांकि, सत्र में शामिल होने वाले पत्रकारों और विधायकों ने दिप्रिंट को बताया कि सभी नेताओं द्वारा पूरे समय मास्क पहनने के प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया. लिफ्ट में एक साथ तमाम लोग मौजूद रहते थे और कैंटीन में भी किसी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया. वहीं, सदन के बाहर गलियारों में पत्रकार भी इस उम्मीद के साथ मंत्रियों को घेर लेते थे कि उनकी कोई टिप्पणी मिल जाए या वे ऑफ द रिकॉर्ड कोई बात बोल दें.
एक बार तो जब विधानसभा की कार्यवाही चल रही थी तब कोविड प्रोटोकॉल के पाबंद माने जाने वाले उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सदन के अंदर मास्क न पहनने को लेकर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस की खिंचाई तक कर दी थी.
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‘हाई-प्रोफाइल’ शादियां
दिसंबर के आखिरी हफ्ते में राजनेताओं के घरों में कम से कम पांच हाई-प्रोफाइल शादियां हुईं. विधानसभा सत्र के दौरान और उससे पहले और बाद में हुए इन आयोजनों में पूरे महाराष्ट्र के कई नेता शामिल हुए. इन आयोजनों की तस्वीरें देखने से पता चलता है कि मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन नहीं किया गया था.
इन समारोहों में एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के बेटे की शादी शामिल है, जिसमें भाजपा के हर्षवर्धन पाटिल शामिल हुए. हर्षवर्धन पाटिल के घर भी एक समारोह हुआ जब उनकी बेटी की शादी शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के पोते निहार से हुई. अपनी बेटी की शादी के दो दिन बाद हर्षवर्धन पाटिल टेस्ट में कोविड पॉजिटिव पाए गए.
इन दोनों ही शादियों में शामिल हुई एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले भी पिछले हफ्ते अपने पति के साथ कोविड पॉजिटिव हो गईं.
शिवसेना एमएलसी रवींद्र फाटक के बेटे, शिवसेना विधायक उदयसिंह राजपूत के बेटे और भाजपा के पूर्व विधायक शिवाजीराव कारडिले के बेटे की भी पिछले हफ्ते शादी हुई थी. भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कोविड पीड़ित होने से पहले फडणवीस, चंद्रकांत पाटिल और गिरीश महाजन जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ कारडिले के यहां शादी समारोह में हिस्सा लिया था. सोमवार को विखे पाटिल के सांसद बेटे सुजय विखे पाटिल भी कोविड पॉजिटिव पाए गए.
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