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शुक्रवार, 23 मई, 2025
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दलित टोलों में बह रही विकास की बयार, शिविरों में मिले 23 लाख से अधिक आवेदन

सरकार का दावा है कि इन प्रयासों से अनुसूचित जाति व जनजाति समुदायों को शिक्षा, पोषण और बुनियादी सुविधाओं की सीधी पहुंच मिल रही है. दलित टोलों में चल रहे विकास कार्य सामाजिक समावेशन की दिशा में बड़ी पहल माने जा रहे हैं.

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पटना: बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना डॉ. आंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत राज्य के 60 हजार से अधिक दलित-बहुल टोलों में आयोजित विशेष शिविरों में अब तक 23 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें आधारभूत संरचना और कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित मांगों को प्राथमिकता दी गई है. 14 अप्रैल से 17 मई तक चले इन शिविरों में मिले कुल 22,99,405 आवेदनों में से करीब एक-तिहाई मामलों का निपटारा कर लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल चुका है.

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 9,477 आवेदन आधारभूत संरचनाओं से संबंधित हैं, जिनमें से 3,114 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं और 4,652 पर कार्य प्रगति पर है. वहीं, 22,89,928 आवेदन कल्याणकारी योजनाओं के लिए प्राप्त हुए, जिनमें से लगभग 43.5% का निष्पादन हो चुका है.

विद्यालय निर्माण को लेकर राज्य भर से 207 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें मुजफ्फरपुर से सबसे अधिक 24 आवेदन आए हैं. नवादा, वैशाली और सीवान से भी बड़ी संख्या में आवेदन दर्ज हुए हैं. अब तक 45 विद्यालय निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 151 प्रक्रियाधीन हैं.

इसी प्रकार आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण हेतु 632 आवेदन आए, जिनमें से 172 पर कार्य पूर्ण हुआ है और 437 मामलों में निर्माण कार्य जारी है. इस श्रेणी में भी मुजफ्फरपुर सबसे आगे है, जहां 49 आवेदन मिले थे.

समाजिक न्याय की ओर बढ़ता बिहार

सरकार का दावा है कि इन प्रयासों से अनुसूचित जाति व जनजाति समुदायों को शिक्षा, पोषण और बुनियादी सुविधाओं की सीधी पहुंच मिल रही है. दलित टोलों में चल रहे विकास कार्य सामाजिक समावेशन की दिशा में बड़ी पहल माने जा रहे हैं.

इस अभियान ने दिखा दिया है कि यदि इच्छाशक्ति हो, तो सबसे पिछड़े वर्गों तक भी योजनाओं का लाभ पारदर्शिता और तत्परता से पहुंचाया जा सकता है.

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