मुंबई: गर्मी के मौसम के खत्म होने और बारिश के शुरू होने के बावजूद गोवा में राज्य के टैक्सी ड्राइवर्स प्रमोद सावंत की अगुवाई वाली सरकार की प्राइवेट ऐप-बेस्ड टैक्सी एग्रीगेटर्स के लिए बाज़ार खोलने की योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
गोवा के टैक्सी मालिक प्राइवेट ऐप-बेस्ड एग्रीगेटर्स के आने पर कई तकनीकी आपत्तियों का हवाला दे रहे हैं, लेकिन तर्क के केंद्र में एक प्रमुख असुरक्षा है जिसकी गूंज राज्य के कई क्षेत्रों से उठ रही है.
डर यह है कि इस कदम से गोवा की प्राइवेट ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री की “गोवा वाली पहचान” को खतरा होगा, लोकल टैक्सी मालिकों की आजीविका को नुकसान पहुंचेगा और राज्य के बाहर के ड्राइवरों से बाज़ार भर जाएगा.
उत्तर और दक्षिण गोवा टैक्सी मालिक संघ के उपाध्यक्ष सावियो वैलेंसियो गोएस ने दिप्रिंट को बताया, “गोवा के टैक्सी ड्राइवर्स राज्य के ब्रांड एंबेसडर हैं. जब टूरिस्ट आते हैं, तो वह सबसे पहले हवाई अड्डे से टैक्सी में बैठते हैं. हम पहले लोकल लोग होते हैं जिनसे वह बातचीत करते हैं और हम उन्हें जानकारी देते हैं कि उन्हें कहां जाना है, क्या आज़माना है, किन चीज़ों से दूर रहना है.”
कुल मिलाकर डर यह है कि गोवा में हर जगह गोवा के बाहर के लोगों का कब्ज़ा होता जा रहा है, चाहे वह राज्य के होटलों और रिसॉर्ट्स में काम करने वाले कर्मचारी हों या फिर रेस्तरां और हट्स में काम करने वाले कर्मचारी.
गोएस ने पूछा, “अगर सभी काम गोवा के गैर निवासी करेंगे, तो फिर पर्यटकों को कैसा गोवा देखने को मिलेगा?”
गोवा सरकार ने पिछले महीने राज्य में प्राइवेट ऐप-बेस्ड टैक्सी एग्रीगेटर्स के आने को सक्षम करने के लिए मसौदा दिशा-निर्देश प्रकाशित किए.
गोवा में टैक्सी ड्राइवर्स ने इसका कड़ा विरोध किया है, लेकिन पर्यटकों ने अक्सर गोवा के टैक्सी ड्राइवर्स द्वारा उनसे अधिक पैसे वसूलने, हर वक्त मौजूद नहीं होने जैसी शिकायतें की हैं.
इस अप्रैल में एक पर्यटक द्वारा गोवा के कैब ड्राइवर्स को “माफिया” कहने का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुआ था, जिसके बाद टैक्सी यूनियन के नेताओं ने इस टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
राज्य के दिशा-निर्देश प्राइवेट ऐप-बेस्ड टैक्सी एग्रीगेटर्स के लिए एक विनियामक ढांचा तैयार करते हैं, जिसमें लाइसेंस फीस, टैरिफ, किस तरह के वाहन और ड्राइवर को लिया जा सकता है, टैक्सी मालिक द्वारा लिया जाने वाला किराया वगैरह सूचीबद्ध हैं.
उत्तर और दक्षिण गोवा टैक्सी मालिक संघ ने राज्य के सभी 23,000-24,000 टैक्सी ड्राइवर्स से मसौदा नियमों पर अपनी आपत्तियां प्रस्तुत करने का आह्वान किया है.
इस बीच, गोवा सरकार ने प्राइवेट टैक्सी ड्राइवर्स से गोवा में पहले से ही कार्यरत दो सरकारी समर्थित टैक्सी एग्रीगेटर्स — गोवा माइल्स और गोवा टैक्सी ऐप से जुड़ने का आह्वान किया है.
गोएस ने कहा, “हमें उनके साथ जुड़ने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसमें पारदर्शिता बिल्कुल नहीं है और ऐप-बेस्ड एग्रीगेटर्स के कामकाज में कुछ बुनियादी मुद्दे सामने आते हैं.”
सोमवार को गोवा में पत्रकारों से बात करते हुए राज्य के परिवहन मंत्री मौविन गोडिन्हो ने कहा, “यह सिर्फ एक मसौदा अधिसूचना है. हम सभी हितधारकों को विश्वास में लेंगे. हम उद्योग, पर्यटन क्षेत्र और आम आदमी के विभिन्न निकायों के साथ परामर्श कर रहे हैं. हमने सभी को प्रतिक्रिया लेने के लिए एक महीने की मौहलत दी है. ऐसा नहीं है कि दिशा-निर्देश अंतिम हैं.”
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कई आपत्तियां
गोवा सरकार के नए मसौदा दिशा-निर्देशों पर लोकल टैक्सी ड्राइवर्स की सबसे बड़ी चिंता यह है कि मसौदा तैयार करने से पहले हुई चर्चाओं में उनमें से किसी को भी हितधारक के रूप में नहीं बुलाया गया.
गोवा परिवहन विभाग को आपत्तियों के ज्ञापन में ड्राइवर्स ने खुद को “गोवा के ट्रांसपोर्ट बिजनेस के प्राइमरी हितधारक” कहा है.
दिप्रिंट द्वारा देखे गए ज्ञापन में कहा गया है, “स्थानीय परिवहन परिदृश्य में हमारा व्यावहारिक अनुभव और अंतर्दृष्टि अमूल्य है और उनकी अनदेखी के कारण ऐसा दस्तावेज़ तैयार हुआ है जो ज़मीनी हकीकत और मौजूदा ऑपरेटरों के कल्याण को नज़रअंदाज़ करता प्रतीत होता है.”
इसमें कहा गया है कि बड़ी कैब एग्रीगेटर कंपनियों के पास विशाल संसाधन और आक्रामक बाज़ार रणनीतियां होंगी. उन्हें डर है कि ये कंपनियां आसानी से परिवहन क्षेत्र पर एकाधिकार कर सकती हैं और स्थानीय ऑपरेटरों को बाहर कर सकती हैं.
ज्ञापन में कहा गया है, “इससे गोवा के परिवारों की आय और रोज़गार में काफी कमी आएगी.”
इसमें आगे सुझाव दिया गया है कि एग्रीगेटर्स की भूमिका गोवा में पिक-अप और ड्रॉप सुविधाओं तक सीमित होनी चाहिए और उन्हें पर्यटन सेवाओं के क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. इनमें स्थानीय दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए बुकिंग की सुविधा, कार्यक्रमों के लिए परिवहन, मसाला बागानों की यात्रा, क्रूज बुकिंग आदि शामिल हैं.
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि ऐप-बेस्ड सर्विस गोवा में काम नहीं करेंगी क्योंकि राज्य में कई स्थानों पर सहायक बुनियादी ढांचे की कमी है. इसमें कहा गया है कि कई पर्यटन स्थलों पर असंगत और खराब सेलुलर फोन नेटवर्क हैं. पर्यटकों को कैब करने में परेशानी होगी और ड्राइवर भी ऐसी जगहों पर जाने के लिए अनिच्छुक हो सकते हैं.
ज्ञापन में कहा गया है, “स्मार्टफोन एप्लिकेशन पर निर्भरता सिस्टम को अनिवार्य बनाने से इन क्षेत्रों में टैक्सी ऑपरेटरों और पर्यटकों दोनों को ही असमान रूप से नुकसान होगा.”
आखिर में इसमें कहा गया है कि एग्रीगेटर्स के लिए किराये के संबंध में दिशा-निर्देश पारदर्शी नहीं हैं. इसमें जोर दिया गया है कि प्राइवेट टैक्सियों के लिए मौजूदा किराया संरचना भी पुरानी हो चुकी है और पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए इसे संशोधित करने की ज़रूरत है.
वास्को डि गामा में रहने वाले टैक्सी ड्राइवर आनंद नाइक ने दिप्रिंट को बताया कि ज़्यादातर गोवावासियों के पास अपनी कार और दोपहिया वाहन हैं और उन्हें टैक्सी की ज़रूरत नहीं है. इसकी ज़रूरत पर्यटकों को होती है.
नाइक ने पूछा, “अगर पर्यटक एग्रीगेटर सर्विस का इस्तेमाल करने लगेंगे, तो हमारे जैसे गोवावासियों का क्या होगा जो पीढ़ियों से टैक्सी चलाते आ रहे हैं?”
उन्होंने कहा कि एग्रीगेटर सर्विस गोवा में संभव नहीं हो सकती हैं क्योंकि बहुत सी यात्राएं एकतरफा है. उन्होंने बताया कि ड्राइवरों को बिना किराया दिए अपने मुख्य स्टैंड पर लौटना होगा.
ऐप-बेस्ड एग्रीगेटर के लिए राज्य के दिशा-निर्देश
2018 में गोवा सरकार ने एक प्राइवेट कंपनी के साथ मिलकर गोवा माइल्स कैब एग्रीगेटर सर्विस शुरू की थी. 2023 में इसने गोवा टैक्सी ऐप भी लॉन्च किया, जो लोगों को राज्य में कहीं भी यात्रा करने के लिए ऑनलाइन कैब बुक करने की सुविधा देता है.
प्राइवेट टैक्सी ऑपरेटरों का कहना है कि केवल मुट्ठी भर — लगभग 2,000 से 3,000 टैक्सी मालिक — ही इन दोनों प्लेटफॉर्म पर आए हैं.
इस साल 20 मई को प्रकाशित नए मसौदा दिशा-निर्देशों का उद्देश्य ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट एग्रीगेटर बिजनेस में प्राइवेट कंपनियों के प्रवेश को भी आसान बनाना है.
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि केवल वह कंपनियां ही राज्य में काम कर सकती हैं, जिनके पास गोवा सरकार से वैध लाइसेंस है. एग्रीगेटर का या तो गोवा में रजिस्टर्ड कार्यालय होना चाहिए या भारत में कहीं रजिस्टर्ड कार्यालय और गोवा में एक ब्रांच होनी चाहिए. एग्रीगेटर को ड्राइवरों के लिए कम से कम 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा सुनिश्चित करना होगा, जिसमें हर साल 5 प्रतिशत की वृद्धि होगी.
दिशा-निर्देशों के अनुसार, एग्रीगेटर को यह सुनिश्चित करना होगा कि कैब मालिक को कम से कम सरकार द्वारा निर्धारित किराया मिले और उसमें से कोई कटौती न की जाए. इसके अलावा, टैक्सी मालिक के साथ किराए का भुगतान 72 घंटे के भीतर करना होगा. अगर एग्रीगेटर निर्धारित समय सीमा के भीतर बकाया राशि का भुगतान करने में विफल रहता है, तो कंपनी को देरी के प्रत्येक दिन के लिए जुर्माने के रूप में बकाया राशि का 25 प्रतिशत देना होगा. दिशा-निर्देशों में शिकायत निवारण तंत्र का भी प्रावधान है.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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