नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने अपने अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि महासंघ का प्रबंधन एक निर्वाचित निकाय द्वारा किया जाता है और ‘मनमानी और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है.’
WFI ने पहलवानों के आरोपों पर खेल मंत्रालय द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण के अपने जवाब में आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि इसके प्रमुख ने ‘हमेशा पहलवानों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए काम किया है.’ इसने कहा कि फेडरेशन ने कहा कि डब्ल्यूएफआई रूल्स और रेग्युलेशन द्वारा चलाया जाता है और यह इसके अध्यक्ष समेत किसी भी व्यक्तिगत पदाधिकारियों की मनमर्जी और सोच नहीं चलता है.’
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के बाद अपना विरोध जताया.
शुक्रवार देर रात प्रेसवार्ता में प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ आए ठाकुर ने कहा कि मंत्रालय भारतीय कुश्ती महासंघ के लिए एक निगरानी समिति का गठन करेगा. समिति यौन दुराचार, वित्तीय अनियमितताओं और प्रशासनिक कमजोरी की प्रमुख खिलाड़ियों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करेगी और डब्ल्यूएफआई के दिन-प्रतिदिन के प्रशासन का कार्य संभालेगी. यह खिलाड़ियों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर फिर से गौर करेगी.
ठाकुर ने कहा कि निरीक्षण समिति हफ्तों तक जांच पूरी करेगी और तब तक डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष महासंघ के दिन-प्रतिदिन के कामकाज से हट जाएंगे.
खेल मंत्रालय को अपने जवाब में डब्ल्यूएफआई ने कहा कि उसने अपने मौजूदा प्रमुख के नेतृत्व में कुश्ती खेल की छवि को ‘राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय’ स्तर पर बढ़ाया है.
फेडरेशन ने कहा, ‘डब्ल्यूएफआई को उसके संविधान के अनुसार एक निर्वाचित निकाय द्वारा प्रबंधित किया जाता है और इसलिए अध्यक्ष, डब्ल्यूएफआई समेत किसी के द्वारा व्यक्तिगत रूप से डब्ल्यूएफआई की मनमानी और कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है.’
इसने कहा, ‘WFI ने विशेष रूप से मौजूदा अध्यक्ष (तीसरी बार) के तहत WFI ने हमेशा भारत के सर्वोत्तम हित के साथ-साथ पहलवानों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए, साथ ही साथ राष्ट्रीय हित में काम किया है और मौजूदा अध्यक्ष के तहत WFI ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती के खेल में अपनी छवि को बढ़ाया है.’
WFI ने कहा कि नीति, नियमों, विनियमों, निर्देशों के बारे में किसी भी शिकायत के संबंध में उसे कोई आधिकारिक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है.
महासंघ ने कहा, ‘डब्ल्यूएफआई आगे इस बात को ध्यान में लाता है कि न तो प्रबंधन और न ही डब्ल्यूएफआई के कोई पदाधिकारी डब्ल्यूएफआई की किसी भी मनमानी और कुप्रबंधन की अनुमति देते हैं और न ही किसी पहलवान के अनुचित अनुरोध को स्वीकार करने को प्राथमिकता देते हैं.’
डब्ल्यूएफआई ने कहा कि वह पहले ही एक यौन उत्पीड़न समिति का गठन कर चुकी है.
‘यौन उत्पीड़न के संबंध में शिकायतों के निवारण के लिए WFI ने पहले से ही एक ‘यौन उत्पीड़न समिति’ का गठन किया है, जिसमें वी.एन. प्रसाद, महासचिव, WFI: चेयरमैन; जय प्रकाश, ओलंपियन, संयुक्त सचिव, WFI: संयोजक; विशाल सिंह, कार्यकारी सदस्य; देबेंद्र कुमार साहू और साक्षी मलिक, अर्जुन/ध्यानचंद खेल अवार्डी कार्यकारी सदस्य, डब्ल्यूएफआई शामिल हैं.’
पहलवानों के आरोपों पर खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई से 72 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा था.
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