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Friday, 22 November, 2024
होमदेश'बंगाल की हालत यूक्रेन से भी खराब', विस्फोट पर बोले शुभेंदु अधिकारी- वहां भी इतना धमाका नहीं हो रहा

‘बंगाल की हालत यूक्रेन से भी खराब’, विस्फोट पर बोले शुभेंदु अधिकारी- वहां भी इतना धमाका नहीं हो रहा

राज्य के दक्षिण 24 परगना जिले के बजबज इलाके में रविवार को अवैध पटाखा कारखाने में हुए विस्फोट में एक नाबालिग और दो महिलाओं की मौत हो गई और कई लोग झुलस गये.

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में सोमवार को ‘अवैध पटाखों से जुड़ा’ एक और विस्फोट हुआ. सात दिन के अंदर इस तरह की ये तीसरी घटना है

बीरभूम जिले में कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता के घर में हुए ताजा विस्फोट में हालांकि, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.

राज्य के दक्षिण 24 परगना जिले के बजबज इलाके में रविवार को अवैध पटाखा कारखाने में हुए विस्फोट में एक नाबालिग और दो महिलाओं की मौत हो गई और कई लोग झुलस गये. सभी मृतक एक ही परिवार के थे. राज्य सरकार ने अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं.

पुलिस ने सोमवार को बताया कि यह घटना दक्षिण 24 परगना थाना क्षेत्र में रविवार शाम करीब साढ़े आठ बजे हुई जिसमें जमुना दास (65), उनकी बेटी पंपा घाटी और उनकी नातिन जयश्री (10) की मौत हो गई.

पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि, पश्चिम बंगाल की हालत यूक्रेन से भी खराब है. यूक्रेन में उतना धमाका नहीं हो रहा है, जितना बंगाल में हो रहा है.

इस तरह के अवैध कारखानों पर रोक के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने हरित आतिशबाजी उद्योग के लिए क्लस्टर स्थापित करने का फैसला किया है और मामले में जांच के लिए मुख्य सचिव एच के द्विवेदी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया हैं. सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने यहां यह जानकारी दी.

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात में कम से कम 30 लोगों को, इलाके में अवैध रूप से पटाखा बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया और छापेमारी के दौरान अलग-अलग घरों से भारी मात्रा में विस्फोटक जब्त किए.

उन्होंने बताया कि इस घटना में कितने लोग झुलसे हैं, फिलहाल पुलिस के पास इसकी कोई जानकारी नहीं है.

डायमंड हार्बर पुलिस जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘हादसे में एक नाबालिग और दो महिलाओं को पास के ईएसआई अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनके मकान की छत पर एक अवैध पटाखा निर्माण इकाई थी जहां विस्फोट हुआ.’’

अधिकारी ने बताया, ‘हमने इलाके में छापेमारी कर पटाखे बनाने में इस्तेमाल होने वाले कम से कम 20,000 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किए हैं. साथ ही इस अवैध कारोबार के आरोप में 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. छापेमारी जारी है, पुलिस घटना की जांच कर रही है.’

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस के बयान का विरोध करते हुए दावा किया कि जब्त विस्फोटक ‘कानूनी रूप से खरीदे गए’ थे और उन्हें पटाखे बनाने के लिए लाइसेंस मिले हुए हैं.

इलाके की एक पटाखा निर्माण इकाई के मालिक सजल दास ने कहा, ‘यह यातनापूर्ण है. हम पटाखों के निर्माण के लाइसेंस धारक हैं. पुलिस ने जो विस्फोटक साम्रगी हमसे जब्त की है, हमने उन्हें कानूनी रूप से खरीदी थी… पुलिस ने उसे गलत तरीके से जब्त किया है. हम गरीब लोग हैं और यह निश्चित रूप से हमारी आजीविका को नष्ट कर देगा.’

दक्षिण 24 परगना के बजबज इलाके में पटाखों का उद्योग तेजी से बढ़ रहा है.

गौरतलब है कि 16 मई को पूर्वी मेदिनीपुर के एगरा इलाके में एक अवैध पटाखा कारखाने में हुए भीषण विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई थी. उस विस्फोट के मुख्य आरोपी की 19 मई को ओडिशा के कटक के एक अस्पताल में मौत हो गई.

घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा और एगरा विस्फोट की तरह इस घटना की एनआईए जांच की मांग की.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने छापेमारी के दौरान रात में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की.


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