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Sunday, 28 April, 2024
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फेसबुक पोस्ट कर बेंगलुरू में दंगा भड़काने वाले व्यक्ति के पिता ने कहा- ‘नवीन को चेताया पर वो नहीं माना’

पी नवीन कुमार ने अयोध्या में हुए राम मंदिर भूमि पूजन के बाद मुस्लिमों सहित स्थानीय निवासियों के बीच मिठाई बांटी. पड़ोसियों का कहना है कि ऐसा लग रहा था मानो वह 'लोगों को भड़का' रहा था.

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बेंगलुरू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त को जब अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया, पी नवीन कुमार के पिता जिसके कथित फेसबुक पोस्ट से मंगलवार को बेंगलुरू में दंगे भड़क गए थे, अपने बेटे के कारण काफी परेशान थे.

नवीन को उस दिन अपने दोस्तों के साथ पटाखे फोड़ते हुए देखा गया था.

कवल बायरसेंड्रा के स्थानीय निवासियों ने दिप्रिंट को बताया कि नवीन ने क्षेत्र के हिंदू निवासियों के बीच मिठाई भी बांटी और कुछ मुस्लिम घरों में भी गया. एक निवासी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘यह ऐसा था जैसे वह लोगों को भड़का रहा हो.’

नवीन के पिता टी पवन कुमार ने दिप्रिंट को बताया कि 5 अगस्त से उन्हें लग रहा था कि उनका बेटा मुश्किल में आ जाएगा. एक सेवानिवृत्त सरकारी स्वास्थ्य अधिकारी कुमार ने कहा कि वह अपने बेटे से बहुत परेशान थे जिसने उनकी सलाह पर कोई ध्यान नहीं दिया.

कुमार ने दिप्रिंट से कहा, ‘मैंने उसे इस बारे में आगाह किया था लेकिन उसने मेरी बात नहीं सुनी. बहुत सारे लोग उससे खुश नहीं थे. हम यहां कई सालों से शांति से रहते आए हैं.’

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कुमार ने कहा, ‘दो महीने पहले ही उसकी (नवीन) की शादी हुई है और अब वो जेल में है. मुझे नहीं पता उसने किस तरह की समस्या में खुद को डाल लिया है.’

पैगंबर मुहम्मद पर नवीन के अपमानजनक फेसबुक पोस्ट ने मंगलवार देर रात कवल बायरसेंड्रा क्षेत्र में दंगे भड़काए, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेंगलुरू पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई. हिंसा के तुरंत बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.


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राजनैतिक आकांक्षा

नवीन का फेसबुक पेज, जिसे अब पुलिस ने निष्क्रिय कर दिया है, एक महत्वाकांक्षी युवक की राजनीतिक आकांक्षाओं की तरफ इशारा करता है. 34 वर्षीय बी कॉम स्नातक के रियल एस्टेट क्षेत्र से रिश्ते हैं और उसने खुद को फेसबुक पेज पर एक राजनेता और लोक सेवक के रूप में बताया है.

उसके फेसबुक पोस्ट हालांकि विरोधाभासी लगते हैं.

पेज पर उर्दू कवि राहत इंदौरी को श्रद्धांजलि भी दी गई है जबकि एक अन्य पोस्ट में एक बुर्का पहने महिला को जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण के रूप में कपड़े पहने तीन बच्चों के साथ चलते हुए दिखाया गया है.

दंगों को भड़काने वाली पोस्ट के अलावा वो ‘नकली धर्मनिरपेक्ष लोगों’ पर निशाना भी साधता है. जिसमें उसने लिखा है, ‘जब आप सेक्युलर का अर्थ नहीं जानते हैं तो पुलकेशीनगर के कुछ नकली धर्मनिरपेक्ष लोग कृपा करके ये मुखौटा हटा लें.’

एक और पोस्ट में उसने ‘मुस्लिम और ईसाई दोस्तों’ को संबोधित किया था. ‘मेरे सभी मुस्लिम और ईसाई दोस्त, मेरे धर्म की प्रशंसा करना और भगवान की पूजा करना मुझे सांप्रदायिक कैसे बना देता है. क्या मैं यहां आपके धर्म का अपमान कर रहा हूं?’

नवीन ने 5 अगस्त को भगवान राम की फोटो भी पोस्ट की थी.

जांच करने वाले एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हिंदू देवताओं के पोस्ट उसने किए हैं लेकिन वह खुद को धर्मनिरपेक्ष दिखाने का प्रयास भी करता है.’

जो बात सामने आई है, वह यह है कि नवीन के फेसबुक पेज पर अधिक मुस्लिम फॉलोअर्स हैं. उसे 3,450 लोग फॉलो करते हैं.

वर्तमान में पुलिस हिरासत में नवीन दावा कर रहा है कि उसने पैगंबर मोहम्मद पर ‘अपमानजनक’ पोस्ट नहीं किया था और उसका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था.

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि नवीन के फेसबुक पेज पर असामान्य गतिविधि हुई थी. अधिकारी ने कहा, ‘बुधवार को 1.52 बजे एक पोस्ट किया गया, जो उसे गिरफ्तार किए जाने के 12 घंटे बाद हुआ.’

उन्होंने कहा, ‘यह उसके हैक करने के दावे को मान्य बताने के लिए एक चाल हो सकती है लेकिन हम जांच कर रहे हैं.’


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नवीन अपने कांग्रेस विधायक चाचा से नाराज़ था

जबकि नवीन की पहचान पुलकेशीनगर के कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे के रूप में की गई है जबकि दंगाइयों ने विधायक के घर पर भी तोड़-फोड़ की थी.

बेंगलुरू के डीजे हल्ली से एक स्थानीय कांग्रेस नेता ने कहा कि नवीन का मानना ​​है कि उसके चाचा राजनीतिक तौर पर उसे आगे नहीं बढ़ाएंगे जिसका वो हकदार है.

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘उसके सपने पूरी नहीं हो पाए क्योंकि वह खुद को एक विशेष राजनीतिक दल के लिए समर्पित नहीं कर पा रहा था. हालांकि उसका परिवार मुख्य रूप से कांग्रेस के साथ है लेकिन नवीन कई बीजेपी व्हाट्सएप समूहों से भी जुड़ा हुआ है.’

स्थानीय पार्षद ने कहा, ‘श्रीनिवास मूर्ति के अलावा, जो कांग्रेस से विधायक हैं, नवीन की मौसी जनता दल (एस) से पार्षद रह चुकी थीं.’

नवीन ने अपने चाचा श्रीनिवास मूर्ति का समर्थन हासिल करना चाहा लेकिन वो असफल रहा.

श्रीनिवास मूर्ति ने दिप्रिंट को बताया, ‘मेरे घर को पता नहीं क्यों निशाना बनाया गया. मैं उम्मीद करता हूं कि दोषियों को पकड़ा जाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘मैं कई सालों से इस क्षेत्र का प्रतिनिधि हूं और यहां के सभी मुस्लिम भाई-बहनों ने मेरा समर्थन किया है. मैं नवीन की जिंदगी के बारे में नहीं जानता क्योंकि मेरी बहन मेरे साथ नहीं रहती है.’

जनता दल सेक्युलर से कांग्रेस में आए मूर्ति ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 80 हजार मतों के बड़े अंतर से पुलकेशीनगर की सीट पर जीत दर्ज की थी. पुलकेशीनगर मुख्यत: मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्र है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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