लखनऊ: कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे की गुरुवार सुबह उज्जैन में हुई गिरफ्तारी को विपक्षी दल फिक्सड सरेंडर बता रहे हैं. यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर पूछा है कि सरकार ये साफ करे ये सरेंडर है या गिरफ्तारी. प्रियंका ने भी यूपी सरकार और पुलिस दोनों पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि विकास के अलर्ट के बावजूद उज्जैन तक पहुंचना सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है. इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
हालांकि इन आरोपो प्रत्यारोपों के बीच यूपी एसटीएफ की एक विशेष टीम चार्टेड प्लेन से इंदौर पहुंच चुकी है. विकास दुबे को चार्टर्ड प्लेन से लखनऊ लाए जाने की योजना है.
खबर लिखे जाने के दौरान मध्य प्रदेश के उज्जैन कोर्ट में विकास की सुनवाई चल रही है और सीजेएम तृप्ती पांडेय वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई कर रही हैं. इस सुनवाई के खत्म होते ही एसटीएफ के हवाले कर दिया जाएगा.
कानपुर कांड के दौरान शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा के परिजनों ने भी विकास दुबे की नाटकीय गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं. सीओ के रिश्तेदार कमलकांत ने कहा, ‘कई अपराधी जेल से बादशाहत चला रहे हैं. 12 घंटे पहले विकास फरीदाबाद में था और तुरंत वह उज्जैन पहुंच गया. सुनियोजित तरीके से उसका समर्पण कराया गया. कौन सी पुलिस गिरफ्तारी के लिए मीडिया को लेकर जाती है.’
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मंदिर में खुद की पहचान बताने पर उठे सवाल
दरअसल विकास की जब गिरफ्तारी हुई तो मीडिया को देखकर वह अपनी पहचान खुद बताने लगा जिससे ये गिरफ्तारी नाटकीय हो गई. कैमरा देखते ही वह बोला-‘मैं विकास दुबे, कानपुर वाला.’
इसके बाद पुलिसकर्मी ने उसका मुंह बंद कर दिया और मीडिया से बात भी नहीं करने दी. इस मामले में उज्जैन के डीएम आशीष सिंह ने मीडिया को बताया, ‘सुबह एक संदिग्ध शख्स को महाकाल मंदिर परिसर में देखा गया. उसने मंदिर के दर्शन को लेकर एक दुकानदार से जानकारी ली थी.’
आशीष आगे बताते हैं, ‘दुकानदार को उसपर शक हुआ कि ये कानपुर कांड का अपराधी विकास दुबे है. इसके बाद दुकानदार ने मंदिर के गार्ड को बताया. मंदिर से बाहर निकलने के बाद गार्ड ने शख्स से पूछताछ की, जिसके बाद वह हाथापाई करने लगा. पुलिस ने शख्स को गिरफ्तार किया और उसकी पहचान विकास दुबे के रूप में हुई.’
लखनऊ की गाड़ी मंदिर के बाहर मिली
महाकाल मंदिर के करीब ही लखनऊ रजिस्ट्रेशन नंबर वाली एक गाड़ी भी मिली है. इसके नंबर प्लेट पर हाई कोर्ट लिखा हुआ है और यह मनोज यादव के नाम पर रजिस्टर्ड है. दुबे की गिरफ्तारी के बाद लखनऊ के दो वकीलों को भी उज्जैन से पुलिस ने हिरासत में लिया गया है. ये दोनों वकील अपनी गाड़ी से उज्जैन गए थे. पुलिस उनसे विकास दुबे से कनेक्शन की भी जांच कर रही है.
एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल ये पता लगाने में जुटी है कि विकास कब उज्जैन पहुंचा और किस- किस के संपर्क में आया.
यूपी पुलिस ने कहा- दिलाएंगे कड़ी सजा
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया, ‘यूपी पुलिस विकास को मध्य प्रदेश से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आएगी. न्यायिक प्रक्रिया के तहत विकास दुबे पर कड़ी कार्रवाई होगी.’
उन्होंने ये भी कहा कि सभी उसके साथियों के पकड़े जाने तक आराम नहीं किया जाएगा. विकास की गिरफ्तारी के नाटकीय ढंग पर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस हमसे अलग नहीं है और पूरे देश की पुलिस एक ही है. यूपी पुलिस के सर्च ऑपरेशन पर उठ इसे सफलता या असफलता की नजर से नहीं देखा जाएगा.
विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
कांग्रेस की यूपी इंचार्ज प्रियंका गांधी ने विकास दुबे की गिरफ्तारी पर ट्वीट करते हुए कहा- ‘अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है.तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं.’ प्रियंका ने आगे लिखा, ‘यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए.’
ख़बर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 9, 2020
समजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा, ‘खबर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.’
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी ट्वीट में किया, ‘कानपुर-कांड का दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे को काफी लम्बी जद्दोजहद के बाद अन्ततः मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्त में लिए जाने के बाद अब इसके तमाम आपराधिक सांठगांठ व माफियागिरी आदि का पर्दाफाश होने का उप्र और देश की जनता को काफी इन्तजार है.’
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मायावती ने एक के बाद एक दो ट्वीट किए और उन्होंने,’ इतना ही नहीं, बल्कि जनता को इस बात की भी प्रतीक्षा है कि विकास दुबे के साथ-साथ उसके जघन्य अपराधों से जुड़े एवं सम्बंधित सभी सरकारी और राजनीतिक संरक्षकों एवं षडयंत्रकारियों को भी उत्तर प्रदेश सरकार जल्द से जल्द सख्त सजा जरूर दिलाये.’
पांच लाख रूपये के इनामी अपराधी दुबे पर आरोप है कि दो और तीन जुलाई की रात कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ में वह शामिल था. इस मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मी मारे गये थे .