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Sunday, 28 April, 2024
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राजनीतिक दल अखबार शुरू कर पत्रकारिता के मूल्यों के साथ समझौता कर रहे हैं : वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पत्रकारों से खबरों को सनसनीखेज बनाते समय सावधानी बरतने का भी अनुरोध किया.

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नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि राजनीतिक दल और कारोबारी समूह अपना अखबार शुरू कर अपने निहित हितों को बढ़ावा दे रहे हैं और पत्रकारिता के मूल्यों के साथ समझौता कर रहे हैं.

राष्ट्रीय प्रेस दिवस और पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे जाने के लिए भारतीय प्रेस परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को नायडू संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘आजकल कारोबारी समूह और राजनीतिक दल अपने अखबार और चैनल भी शुरू कर रहे हैं. इनके जरिए वे अपने निहित हितों को बढ़ावा दे रहे हैं और पत्रकारिता के मूल्यों के साथ समझौता कर रहे हैं.’

नायडू ने जोर दिया कि अगर राजनीतिक दल अखबार चलाते हैं तो उन्हें स्पष्ट तौर पर इसका उल्लेख करना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा, ‘आप मुझसे पूछ सकते हैं कि क्या राजनीतिक पार्टियों के पास अखबार खोलने का अधिकार नहीं है? हां लेकिन इसका उल्लेख किया जाना चाहिए.’

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उन्होंने पत्रकारों से खबरों को सनसनीखेज बनाते समय सावधानी बरतने का भी अनुरोध किया.

उन्होंने कहा कि खबरों को सनसनीखेज बनाना आम बात हो गयी है, सनसनीखेज समाचार का मतलब है निरर्थक समाचार.

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने कहा कि आज ‘पेड न्यूज’ की तुलना में ‘फेक न्यूज’ बड़ा संकट बन गया है.

उन्होंने कहा, ‘प्रेस के लिए यह दिन अपनी आजादी के साथ जिम्मेदारी को भी समझने का है. आज पेड न्यूज से ज्यादा फेक न्यूज का संकट है.’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ )

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