नई दिल्ली: वाराणसी के जिला न्यायाधीश की अदालत ने गुरुवार को मीडिया को ज्ञानवापी परिसर में हो रहे सर्वेक्षण के दौरान बिना किसी औपचारिक सूचना के कवरेज नहीं करने को कहा है.
इसके साथ ही अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम के साथ ही वादी-प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता या अन्य कोई भी संबंधित व्यक्ति कोई टिप्पणी नहीं करेगा और न ही मीडिया के साथ कोई सूचना साझा करेगा.
ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी परिसर में जारी एएसआई सर्वेक्षण को लेकर भ्रामक खबरें फैलाए जाने का आरोप लगाते हुए जिला अदालत से सर्वेक्षण के मीडिया कवरेज पर रोक लगाने का मंगलवार को प्रार्थना पत्र दिया था. जिस पर बुधवार दोपहर बाद सुनवाई हुई थी. अदालत ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में अपना आदेश जारी किया है.
शासकीय अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने बताया कि जिला न्यायाधीश ए.के. विश्वेश ने अपने आदेश मे कहा है कि प्रश्नगत भूखण्ड पर न्यायालय के आदेश से जो सर्वेक्षण का काम चल रहा है, उसकी प्रकृति संवेदनशील है. सर्वेक्षण के बारे मे एएसआई को अथवा वादी के अधिवक्ता गण या प्रतिवादी के अधिवक्ता गण को कोई टिप्पणी करने या कोई सूचना साझा करने का कोई अधिकार नहीं है.
मिश्रा ने बताया कि आदेश में कहा गया है कि एएसआई के अधिकारी भी सर्वेक्षण की रिपोर्ट केवल न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए बाध्य हैं.
आदेश के मुताबिक, सर्वेक्षण के संबंध मे कोई सूचना प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को दिया जाना ना तो औचित्यपूर्ण है, ना विधि सम्मत है.
भाषा के इनपुट्स के साथ
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