scorecardresearch
Monday, 9 December, 2024
होमदेशवंदे भारत की पहली महिला पायलट बनीं सुरेखा यादव ने कहा- कोई भी ऐसा काम नहीं जो हम महिलाएं नहीं कर सकती

वंदे भारत की पहली महिला पायलट बनीं सुरेखा यादव ने कहा- कोई भी ऐसा काम नहीं जो हम महिलाएं नहीं कर सकती

किसान परिवार से आने वाली, यादव ने पढ़ाई के लिए इंजीनियरिंग को चुना और शुरुआत में वह मुंबई मंडल में उपनगरीय सेवा में लोको पायलट बनीं और लंबी दूरी की ट्रेनों में पहली महिला रही हैं.

Text Size:

मुंबई: वंदे भारत ट्रेन चलाने वाली पहली महिला सुरेखा यादव का मानना ​​है कि यह एक भ्रम है कि कुछ काम पर केवल पुरुषों का ही वर्चस्व हो सकता है.

यादव कहती हैं कि यह एक महिला की पसंद है कि वह क्या करना चाहती है.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘कोई भी काम केवल पुरुषों के लिए नहीं है. हमें भी इन्हें करना है. कोई नहीं कहता कि हम किसी प्रोफेशन से नहीं जुड़ सकते. ये हमारे ऊपर है कि हम किस प्रोफेशन में कदम रखेंगे. कोई भी नौकरी करने में कोई किंतु-परंतु नहीं होता है.

यादव ने बताया कि, वंदे भारत एक्सप्रेस में पायलट बनने का मौका पर वह बहुत खुश हैं.

वह कहती हैं, ‘वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन पिछले फरवरी में हुआ था और एक महीने के भीतर मुझे इसे चलाने का अवसर मिला. मैं बहुत खुश हूं और मुझे यह मौका देने के लिए प्रशासन को धन्यवाद देती हूं.’

Surekha Yadav onboard a Vande Bharat train
वंदे भारत ट्रेन में सवार सुरेखा यादव | फोटो: पूर्वा पूर्वा चिटणीस

किसान परिवार से आने वाली सुरेखा यादव ने पढ़ाई के लिए इंजीनियरिंग को चुना. यादव ने 1989 से काम करना शुरू किया था. यादव मुंबई में उपनगरीय सेवा में और मुंबई डिवीजन में लंबी दूरी की ट्रेन के लिए पहली महिला लोको पायलट बनीं, और अब हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस की पायलट हैं.

सुरेखा यादव, जो कि महाराष्ट्र के सतारा से हैं, उन्होंने 13 मार्च 2013 को मुंबई में सोलापुर स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) से अत्याधुनिक ट्रेन का संचालन किया. वह CSMT के प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर सम्मानित की गई थीं.

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक ट्वीट में कहा था, ‘वंदे भारत– नारी शक्ति द्वारा संचालित. श्रीमती सुरेखा यादव वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली महिला लोको पायलट बनी हैं.’

यादव बताती हैं कि, यह उनका ड्रीम जॉब नहीं था, लेकिन उसे यह जॉब पसंद आने लगी है. ‘एक बार जब आप एक प्रोफेशन में काम करना शुरू कर देते हैं तो आपको इसे समझना होगा, फिर सब कुछ आ जाएगा.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: उग्रवाद प्रभावित मणिपुर में म्यांमार के शरणार्थियों के आने से जातीय तनाव फिर से शुरू हो गया है


share & View comments