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Friday, 26 April, 2024
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कोविड को हराने के लिए भारत में एक साथ दो टीके, कोविशील्ड व कोवैक्सीन को मिली मंजूरी

डीसीजीआई ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को कोविड 19 वैक्सीन को मंजूरी दी जबकि तीसरी वैक्सीन मैसर्स केडिला हेल्थकेयर को भारत के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति भी दे दी है.

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नई दिल्ली: भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन को इमरजेंसी के लिए मंजूरी मिल गई है. डीसीजीआई के वीजी सोमानी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘भारत इमरजेंसी उपयोग के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को कोविड 19 वैक्सीन को मंजूरी देता है. एस्ट्राजेनेका जहां सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रहा है वहीं भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है. ‘

सोमानी ने कहा कि सीडीएससीओ ने विशेषज्ञ पैनल द्वारा की गई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. इन दोनों वैक्सीन की दो-दो डोज मरीजों को दी जाएंगी. डीसीजीआई ने मैसर्स केडिला हेल्थकेयर को भारत के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति भी दे दी है.

जब सोमानी से वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने कहा, ‘यदि सुरक्षा को लेकर थोड़ा भी संशय होता तो हम कभी भी टीके को मंजूरी नहीं देते. टीका 100 फीसदी सुरक्षित है.’

सोमानी ने आगे कहा, ‘जहां तक बुखार, दर्द और एलर्जी की बात है तो वह हर वैक्सीन में ऐसे प्रभाव देखे जाते हैं.’

पत्रकारों ने सोमानी से जब नपुसंक होने की बात पूछी तो उन्होंने कहा, ‘बकवास है. ‘

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दो वैक्सीन को एक साथ मंजूरी मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को DCGI से अनुमति मिलने के लिए देशवासियों और वैज्ञानिकों को बधाई दी.

पीएम ने ट्वीट किया, ‘ लड़ाई! डीसीजीआई ने भारत के सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की वैक्सीन को हरी झंडी दिखा दी है जो कोविड फ्री राष्ट्र की ओर एक कदम है. बधाई हो भारत. हमारे मेहनती वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स को भी बधाई.

‘भारत बायोटेक’ ने कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए 26,000 प्रतिभागियों को शामिल करने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए 23,000 प्रतिभागियों का सफलतापूर्वक पंजीकरण कर लिया है.

टीका निर्माता ‘भारत बॉयोटेक’ ने शनिवार रात एक बयान में कहा कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण का मानव पर क्लीनिकल परीक्षण नवंबर के मध्य में आरंभ हो गया था, जिसे 26,000 प्रतिभागियों पर किए जाने का लक्ष्य रख गया है.

उसने कहा कि यह कोविड-19 टीके लिए देश में तीसरे चरण का पहला और एकमात्र अध्ययन है और यह भारत में किसी भी टीके लिए तीसरे चरण का अब तक का सबसे बड़ा परीक्षण है.

भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एल्ला ने प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनका जोश देश और दुनिया का मनोबल बढ़ाता है.

उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत में 26,000 प्रतिभागियों पर तीसरे चरण का परीक्षण करने का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में सहयोग कर रहे सभी मुख्य जांचकर्ताओं, चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों और अस्पतालों का शुक्रिया अदा करते हैं. हम कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए 26,000 प्रतिभागियों के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.’’

इस टीके के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षणों में करीब 1,000 लोगों ने भाग लिया था.

इस टीके को ‘भारत बायोटेक’ भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)- भारतीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ मिलकर विकसित कर रहा है.

टीकाकरण के ड्राई रन को लेकर सरकार ने कहा है कि इसके तहत देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 125 जिलों में के 286 स्थलों पर पूर्वाभ्यास किया गया और प्रशासन ने इस मॉक ड्रिल के तहत करीब 1,14,100 वैक्सीनेटरों को ट्रेनिंग भी दी.

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