आगरा: आगरा पुलिस ने बुधवार को अखिल भारत हिंदू महासभा (एबीएचएम) के चार कथित सदस्यों को, चार मुस्लिम पुरुषों को फंसाने के लिए गोहत्या की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया.
पुलिस के अनुसार, दक्षिणपंथी समूह के ‘सदस्य’ – संजय जाट, जितेंद्र कुशवाहा, ब्रजेश भदौरिया और सौरभ शर्मा ने इस साजिश को अंजाम देने के लिए चार मुस्लिम पुरुषों के दुश्मनों के साथ मिलकर सारी प्लानिंग की थी.
दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी व्यक्तियों के बैकग्राउंड की जांच करने के बाद, पुलिस उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की योजना बना रही है.
जाट के खिलाफ 15 आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस ने कहा, उन्होंने एक बड़े दल को एक साथ रखा था. एबीएचएम से निष्कासित होने के बावजूद, इसके ‘राष्ट्रीय प्रवक्ता’ के रूप में काम किया. जाट ने अपने दल के सदस्यों को पद दिलवाया और हिंदुत्व संगठन के समान विभिन्न नामों से झूठे संगठन का निर्माण किया. पुलिस ने कहा कि लगभग एक दर्जन महिलाओं और दो दर्जन पुरुषों ने मिलकर यह दल बनाया.
30 मार्च को पुलिस ने कहा, जाट और उसके साथियों ने कथित तौर पर आगरा के मेहताब बाग के पास एक खेत में एक गाय की हत्या कर दी और चार मुस्लिमों – रिजवान, नकीम, छोटू और शानू पर झूठा आरोप लगाया.
गाय की हत्या एक मुस्लिम क्षेत्र गौतम नगर की दलित बस्ती और अब्बासपुर के बीच किया गया. पुलिस ने मामले को बढ़ने से रोकने और शांति बनाए रखने के लिए चारों मुस्लिम पुरुषों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
पुलिस जांच में साजिश का पर्दाफाश होने के बाद एबीएचएम के कथित सदस्यों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस ने कहा कि संजय जाट किसी भी प्रकार का विरोध करने के लिए किसी को काम पर लगा सकता है. उसके एक करीबी ने पुलिस को बताया कि जाट भगवा कुर्ता, गमछा और पुतला लेकर विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो सकता है.
पुलिस अब जाट दल के सदस्यों की कथित आपराधिक गतिविधियों की जांच कर रही है, जिनमें से अधिकांश अंडरग्राउंड हो गए हैं.
(संपादन: अलमिना खातून)
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