लखनऊ: दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में लड़कियों के लिए सरकार द्वारा संचालित किशोर गृह के चार कर्मचारियों पर यौन उत्पीड़न और कैदियों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद गुरुवार को जिला अधिकारियों ने मामला दर्ज किया.
चारों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (भड़काने के लिए जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) और रोकथाम की धारा 7 और 12 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. दिप्रिंट के पास एफआईआर की कॉपी है.
जिला अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि चारों आरोपी एक एनजीओ का हिस्सा थे, जिसे सरकार ने बाल सुधार गृह के प्रबंधन के लिए नियुक्त किया था.
यह कार्रवाई गुरुवार को कैदियों की भूख हड़ताल के बाद की गई.
स्थानीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, कैदियों ने सबसे पहले 20 मई को सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कीर्ति राज के साथ अपने आरोप साझा किए थे, जब वह निरीक्षण के लिए किशोर गृह गई थीं. किशोरों सहित कैदियों ने कथित तौर पर उन्हें बताया था कि उन्हें खराब खाना परोसा जा रहा था, उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और अधीक्षक की पिटाई की गई. रिपोर्ट में उनकी पहचान पिंकी (केवल पहला नाम) के रूप में की गई और गृह के प्रबंधक वी.पी. सिंह द्वारा उन्हें परेशान किया गया.
शिकायतों के बाद, जिला मजिस्ट्रेट दिनेश चंद्र ने आरोपों की जांच के लिए कथित तौर पर तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया, जिसमें एसडीएम राज भी शामिल थे. पैनल ने 31 मई को इस मामले पर एक रिपोर्ट सौंपी थी.
एफआईआर के अनुसार, “एसडीएम की रिपोर्ट के अनुसार अधीक्षक को तत्काल सेवा से बर्खास्त किया जाता है तथा प्रबंधक वी.पी. सिंह भी आपत्तिजनक और निंदनीय रहे हैं… अत: अधीक्षिका पिंकी, मैनेजर वी.पी. सिंह, हाउसकीपिंग स्टाफ रवि और रसोइया मूर्ति देवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाए.
डीएम चंद्रा ने शनिवार को मीडिया को बताया कि उन्होंने सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) विपिन ताडा से मामले की जांच महिला अधिकारियों की एक टीम से कराने को कहा है.
उन्होंने कहा, ”मैंने एसएसपी से मामले की जांच महिला अधिकारियों से कराने को कहा है, जिन्हें सभी तथ्यों की जानकारी मिल सके, ताकि सख्त कार्रवाई की जा सके. हमने अपने स्तर पर कार्रवाई की है और एफआईआर दर्ज कराई है. दुर्व्यवहार करने वालों को नौकरी से हटा दिया गया है.”
रविवार को ट्विटर पर जारी एक बयान में, सहारनपुर पुलिस ने कहा कि जिला प्रोबेशन अधिकारी की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और एक महिला सर्कल अधिकारी जांच का नेतृत्व कर रही है. इसमें कहा गया कि ”साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है.”
दिप्रिंट ने फोन पर टिप्पणी के लिए एसएसपी सहारनपुर से संपर्क किया. प्रतिक्रिया मिलते ही रिपोर्ट अपडेट कर दी जाएगी.
‘हमारे साथ दुर्व्यवहार किया, छोटी बच्चियों के साथ अश्लील हरकतें कीं’
दिप्रिंट को पता चला है कि मीडिया कर्मियों के एक समूह ने भी शनिवार को किशोर गृह का दौरा किया और कैदियों से बात की, जिन्होंने कथित तौर पर चार स्टाफ सदस्यों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के अपने आरोपों को दोहराया था.
मीडिया द्वारा रिकॉर्ड किए गए और दिप्रिंट द्वारा देखे गए कथित वीडियो में, कैदियों – जिनकी पहचान का खुलासा नहीं किया गया था – चारों पर यौन उत्पीड़न और शारीरिक शोषण सहित कई तरह के दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है. हालांकि इन वीडियो की प्रामाणिकता स्थापित नहीं की जा सकी है.
प्रसारित हो रहे वीडियो में एक कैदी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “वी.पी. सिंह यहां छेड़छाड़ करता रहा है. वह छोटी लड़कियों के साथ अश्लील हरकतें करता था.”
एक दूसरे कैदी ने आरोप लगाया कि प्रबंधक लड़कियों के साथ मौखिक दुर्व्यवहार भी करता था. वीडियो मवे कहते सुना जा सकता है कि “वह हमें कुतिया कहता है और कहा भौंकते रहो.”
लड़की ने यह भी आरोप लगाया कि अधीक्षक पिंकी ने “उसके कपड़े उतार दिए और उसकी वीडियोग्राफी की और वीडियो उसके परिवार के सदस्यों को भी दिखाया.”
एक तीसरे कैदी को सिंह के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप को दोहराते हुए सुना जाता है, पहले कैदी ने कहा, “वह लड़कियों को भी बहुत बुरी तरह पीटता है.”
चौथे कैदी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि लड़कियों को सुविधा केंद्र में अच्छा खाना नहीं मिल रहा.
(संपादन: अलमिना खातून)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: गर्ल्स PG के बाहर अश्लील हरकतें करने वाले पर जल्द हो कार्रवाई, महिला आयोग का दिल्ली पुलिस को नोटिस