नई दिल्ली : लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर जल्द ही चर्चा कराने तथा सरकार से जवाब की मांग कर रहे कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी सदस्यों के भारी शोर-शराबे के कारण बुधवार को सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सके. हंगामे के कारण पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
वहीं, दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे पर होली के बाद चर्चा कराने की पेशकश को अस्वीकार करते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने बुधवार को राज्यसभा में हंगामा किया. इस वजह से उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. सभापति एम वेंकैया नायडू ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद घोषणा की कि उन्हें 267 के तहत कुछ नोटिस मिले हैं जिन्हें उन्होंने स्वीकार नहीं किया है. लेकिन मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली में हिंसा विषय पर सदन में चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ मिलेंगे और तय करेंगे कि किस नियम के तहत इस मुद्दे पर चर्चा हो. उन्होंने होली के बाद इस पर चर्चा कराने की बात की.
दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बाद राज्यसभा को कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
Rajya Sabha has been adjourned till 11am tomorrow following uproar by Opposition MPs over Delhi violence. pic.twitter.com/4LNzCI424j
— ANI (@ANI) March 4, 2020
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से ही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल सदन में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं.
बहरहाल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को सदन में कहा कि सरकार सामान्य स्थिति बहाल होने पर होली के बाद दिल्ली की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर चर्चा कराने को तैयार है और अभी (विपक्ष) सदन की कार्यवाही चलने देनी चाहिए.
जोशी ने कहा, ‘सरकार 11 मार्च को लोकसभा में और 12 मार्च को राज्यसभा में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है.’ उन्होंने कहा कि संवैधानिक दायित्व हैं और विधेयक पारित करना है. जोशी ने कहा कि हम चर्चा को तैयार हैं लेकिन विपक्ष सदन नहीं चलने देना चाहता.
इससे पहले, आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सहित विपक्षी दल दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करने लगे. कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे. उनके हाथों में तख्तियां थी, जिन पर लिखा था, ‘अमित शाह इस्तीफा दो.’ कांग्रेस सदस्य ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ के नारे भी लगा रहे थे.
तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपने स्थानों से ही मांग कर रहे थे. इस बीच, पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने शोर-शराबा करने वाले सदस्यों से अपने स्थान पर जाने तथा कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया. उन्होंने इस दौरान दो प्रश्न भी लिये.
पीठासीन सभापति सोलंकी ने आज की कार्यसूची में उल्लेखित वर्ष 2020-21 के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की अनुदानों की मांगों पर चर्चा के संदर्भ में कहा, ‘आज हमें सामाजिक न्याय के विषय पर चर्चा करनी है. दलितों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की चर्चा करनी है,’ उन्होंने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा, ‘आप लोग अपने स्थान पर चले जाएं.’ हालांकि शोर-शराबा जारी रहा और पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)