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Friday, 20 December, 2024
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यूपी: 30 लाख की फिरौती देकर भी नहीं बची लैब टेक्नीशियन की जान, प्रियंका और मायावती ने योगी सरकार को आड़े हाथों लिया

कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि संजीत यादव के रिश्तेदारों का कहना है कि उन्होंने 30 लाख रुपये अपहर्ताओं को दिए हैं. इस मामले में यूपी सरकार ने चार पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है

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नई दिल्ली: कानपुर के बर्रा से अपहृत किए गए लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की हत्या कर दी गई है. 28 वर्षीय संजीत का अपहरण फिरौती के लिए उसके ही एक दोस्त ने साथियों के साथ मिलकर किया था. इसके बाद पुलिस को चकमा देकर 13 जुलाई को 30 लाख की फिरौती भी वसूली थी. कानपुर में संजीत की अपहरण के बाद हुई मौत को लेकर विपक्षी पार्टियां एक बार फिर योगी सरकार पर हमलावर हैं. जबकि योगी सरकार ने तत्काल प्रभाव से चार पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड करने का आदेश दिया है.

हालांकि पुलिस ने गुरुवार रात को दावा किया कि टेक्नीशियन की अपहरण के हफ्ते भर बाद ही हत्या कर दी गयी थी.

एक तरफ जहां सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोला है साथ ही कहा है, ‘यूपी में जारी जंगलराज के दौरान एक और घटना में कानपुर में अपहरणकर्ताओं द्वारा श्री संजीत यादव की हत्या करके शव को नदी में फेंक दिया गया जो अति-दुःखद व निंदनीय. प्रदेश सरकार खासकर अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यव्स्था के मामले में तुरन्त हरकत में आए, बीएसपी की यह मांग है.’

वहीं अखिलेश यादव ने भी संजीत यादव के परिवार को पांच लाख की मदद करने की बात कही है साथ ही यूपी सरकार ने मांग की है कि वह मृतक के परिवार को 50 लाख का मुआवजा दे व फिरौती की रकम देने की मांग की है.

कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर एक बार फिर योगी सरकार को घेरा है. प्रियंका ने वीडियो के साथ ट्वीट करते हुए लिखा, ‘उप्र में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है. आम लोगों की जान लेकर अब इसकी मुनादी की जा रही है. घर हो, सड़क हो, ऑफिस हो कोई भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता. विक्रम जोशी के बाद अब कानपुर में अपहृत संजीत यादव की हत्या.’

वहीं प्रियंका अपने दूसरे ट्वीट में लिखती है, ‘पुलिस ने किडनैपर्स को पैसे भी दिलवाए और अब उनकी हत्या कर दी गई. एक नया गुंडाराज आया है. इस जंगलराज में कानून-व्यवस्था गुंडों के सामने सरेंडर कर चुकी हैं.’

चार पुलिस अधिकारी सस्पेंड

हालांकि गुरुवार रात पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि कुलदीप संजीत के साथ सैंपल कलेक्शन का काम करता था. उसने रतनलाल नगर में किराये पर कमरा ले रखा है.

वहीं मुख्यमंत्री ने इस मामले में चार पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. जिसमें बर्रा थाना के पूर्व प्रभारी निरीक्षक रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार सहित दक्षिणी कानपुर की, अपर पुलिस अधीक्षक, अपर्णा गुप्ता और मनोज गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

संजीत की बहन ने मीडिया से बात करते हुए सिर्फ एक ही बात बार बार कहती रहीं, हमें हमारा भाई चाहिए. हम उनको नहीं छोड़ेंगे. कानून के हवाले नहीं करेंगे. कानून उन्हें कुछ दिन जेल में डालेगी फिर छोड़ देगी. बदहवास परिवार वाले सिर्फ संजीत की वापसी की मांग कर रहे थे.

पुलिस बोली नहीं दी गई फिरौती

कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि संजीत यादव के रिश्तेदारों का कहना है कि उन्होंने 30 लाख रुपये अपहर्ताओं को दिए हैं. अभी तक हुई जांच के मुताबिक अभी तक कोई फिरौती अपर्हताओं को नहीं दी गई है. हालांकि पुलिस हर एंगल से केस की जांच में लगी है.

वहीं इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि अपराध और निगरान शाखा सहित कई पुलिस दल आगे गिरफ्तारियों और टेक्नीशियन के शव को बरामद करने के लिए लगाये गए हैं. एसएसपी ने बताया कि टेक्नीशियन की मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन का भी पता लगाने की कोशिश हो रही है जो उसके अपहरण के बाद से ही गायब हैं.

 

उन्होंने बताया कि कई संदिग्ध लोग इस सिलसिले में गिरफ्तार किये गये और उनसे विस्तृत पूछताछ की गयी . इनमें से दो ने अपराध करना स्वीकार किया.

प्रभु ने बताया, ‘आरोपियों ने खुलासा किया कि एस यादव (27) का उन्होंने अपहरण किया था. वे यादव के साथ पहले किसी अन्य पैथलॉजी में कार्य करते थे. उन्होंने यादव को 26 या 27 जून को मार दिया और यादव को शव को पांडु नदी में फेंक दिया था.’

एसएसपी ने बताया कि 22 जून को बर्रा निवासी यादव का अपहरण किया गया था . उसके परिवार वालों ने 23 जून को बर्रा थाने में यादव के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करायी थी . तीन दिन बाद मामले में अपहरण की धाराएं जोड़ी गयीं .

परिवार वालों ने कहा पुलिस के सामने फेंका था पैसों से भरा बैग

यादव के परिवार वालों का आरोप था कि अपहर्ताओं ने पिता चमन सिंह यादव को मोबाइल फोन पर कॉल कर 30 लाख रुपये फिरौती मांगी थी. परिवार वाले मीडिया के सामने आये और बताया कि उन्होंने 30 लाख रुपये से भरा बैग पुलिस की मौजूदगी में एक फ्लाईओवर से रेल पटरी पर फेंका था. उन्होंने वही किया जो अपहर्ताओं ने कहा था लेकिन अपहर्ताओं ने यादव को नहीं छोड़ा.

लैब टेक्नीशियन के घर वालों द्वारा 30 लाख रुपये की फिरौती अपहर्ताओं को देने की खबर मीडिया में आने के बाद एसएसपी प्रभु ने कहा था कि वह मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान ले रहे हैं, जिनमें 30 लाख रूपये की फिरौती देने की बात सामने आयी है. उन्होंने कहा कि वह पीड़ित परिवार से बात भी कर रहे हैं और कोई गलत पाया गया तो उसे दंडित किया जाएगा .

उस समय एसएसपी ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि यादव की सुरक्षित वापसी करायी जाएगी.

(संवाददाता प्रशांत श्रीवास्तव के इनपुट्स के साथ)

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