scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेशअखलाक मामले में जांच अधिकारी रह चुके इंस्पेक्टर की भीड़ की हिंसा में मौत

अखलाक मामले में जांच अधिकारी रह चुके इंस्पेक्टर की भीड़ की हिंसा में मौत

बुलंदशहर में गोहत्या के शक में हुए हिंसक बवाल में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत हो गई. वे दादरी में अखलाक मामले में जांच अधिकारी रह चुके थे.

Text Size:

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी के शक में हुए बवाल में एक इंस्पेक्टर समेत दो लोगों की मौत हो गई. एक गांव के खेत में मिले गोवंश के बाद गोकशी का शक हुआ और लोगों ने जमकर हंगामा किया. गुस्साई भीड़ के चिंगरावठी चौराहे पर हंगामा करते हुए पथराव शुरू कर दिया.

हिंसक हुई भीड़ को रोकने के लिए पुलिस और ग्रामीण प्रदर्शनकारियों में संघर्ष हुआ जिसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक युवक की मौत हो गई. अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था आनंद कुमार ने कहा कि पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन हो गया है. एडीजी (इंटेलीजेंस) को भी जांच सौंपी गई है. एडीजी (मेरठ जोन) एसआईटी की अगुवाई करेंगे.

उन्होंने बताया, इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की जा रही हैं. तनाव को देखते हुए घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. 48 घंटे में गोपनीय इंक्वायरी की रिपोर्ट भी मिल जाएगी. अभी 5 कंपनी आरएफ और 6 कंपनी पीएसी लगाई गई है.

आनंद कुमार ने एएनआई को दिए बयान में कहा, ‘यह स्पष्ट है कि सुबोध कुमार सिंह, जो बुलंदशहर हिंसा में मारे गए, दादरी में भीड़ की हिंसा में मारे गए अखलाक के मामले में जांच ​अधिकारी थे. उन्होंने 28 सितंबर 2015 से 9 नवंबर 2015 तक अखलाक मामले की जांच का जिम्मा संभाला था. हालांकि, मार्च, 2016 में चार्जशीट दूसरे जांच अधिकारी ने दायर की थी.’

बुलंदशहर के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, ‘स्याना के चिंगरावठी में हुई घटना की मैजिस्टीरीयल जांच का निर्णय लिया गया है. मामले की निष्पक्ष जांच के लिए अपर ज़िलाधिकारी (प्रशासन), बुलंदशहर को जांच मैजिस्ट्रेट नामित किया जाता है. मामले की शीघ्र जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’

बवाल के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को तोड़फोड़ कर उसे आगे हवाले कर दिया. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रण करने के लिए लाठीचार्ज किया. इसके बाद भीड़ में मौजूद लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें कोतवाली प्रभारी (इंस्पेक्टर) सुबोध कुमार सिंह की गोली लगने से मौत हो गई. इस दौरान कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं.

पुलिस की फायरिंग में दो लोग घायल बताए जा रहे हैं. इस बीच एडीजी मेरठ मौके पर पहुंच चुके हैं. प्रभावित इलाके में भारी पुलिसबल तैनात किया गया है.

वहां मौजूद लोगों का कहना है कि स्याना के एक गांव के खेत में गोवंश मिलने के विरोध में लोगों ने जाम लगाया था. इसको लेकर पुलिस और भीड़ में संघर्ष हो गया. पुलिस ने गोहत्या के शक में प्रदर्शन कर रहे हजारों लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोली चला दी. इसमें एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. इसके बाद भीड़ आग बबूला हो गई और उसने चौकी पर हमला कर दिया.

पथराव में गंभीर रूप से घायल युवक सुमित ने भी दम तोड़ दिया. एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार और आइज रामकुमार भी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं. बिगड़ते हालात को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने इज्तिमा में शामिल होकर लौट रहे लोगों के वाहनों को रास्ते में रुकवा दिया, ताकि सांप्रदायिक बवाल न हो सके.

बुलंदशहर के जिलाधिकारी अनुज झा ने बताया कि अवैध स्लाटर हाउस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध की मौत हो गई. आनंद कुमार का कहना है कि इलाके में हालात काबू में हैं. झड़प की शुरुआत उस वक्त हुई, जब लोगों ने पुलिस पर पथराव किया. इस दौरान गांववालों से संघर्ष में इंस्पेक्टर की जान चली गई. हालत काबू में करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात है.

आनंद कुमार ने पत्रकारों से वार्ता में कहा, ‘इस मामले में किसी को छोड़ा नहीं जाएगा. जो भी मामले दर्ज होंगे, सबकी जांच एसआईटी करेगी. हमारे सीओए चौकी इंचार्ज, सबइंस्पेक्टर घायल हैं, जिनका उपचार चल रहा है.’

उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत पत्थर लगने से हुई है. इंस्पेक्टर पर गांव वालों ने फायरिंग भी की थी. हालात अब नियंत्रण में हैं. गांव चिंगरावठी गोवंश के अवशेष मिले थे, जिसकी सूचना स्याना के इंस्पेक्टर को दी गई थी. इसके बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने उत्तेजित ग्रामीणों को समझाया-बुझाया. इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने गोवंश के अवशेष को लेकर पुलिस स्टेशन को घेर लिया और जाम लगा दिया. एक बार फिर वार्ता के जरिए समझाया गया. शुरुआत में ग्रामीण सहमत हो गए. बाद में ग्रामीणों ने पुलिस चौकी पर पथराव शुरू कर दिया.

उन्होंने बताया कि करीब 400 लोगों की भीड़ थी, जो आसपास के गांवों से आए थे. उन लोगों ने करीब 15 वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया.

उन्होंने बताया कि पुलिस की तरफ से हवाई फायरिंग हुई. ग्रामीणों की तरफ से भी जमकर फायरिंग की गई. इंस्पेक्टर को सिर में किसी ‘ब्लंट ऑब्जेक्ट’ से चोट लगी. इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश पुलिसकर्मियों ने की, लेकिन उन्हें ले जाने नहीं दिया गया. इसके बाद किसी तरह उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां अधिक रक्त स्राव की वजह से उनकी मौत हो गई.

डॉक्टरों का प्रथम दृष्टया कहना है कि किसी ब्लंट ऑब्जेक्ट से चोट लगने और अधिक रक्त बहने की वजह से मौत हुई है. फिलहाल मौत के बाद पोस्टमार्टम में वजह का खुलासा होगा. इस हिंसा में सुमित पुत्र समरजीत सिंह की भी मौत हो गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा होगा कि इंस्पेक्टर और सुमित की मौत कैसे हुई.

आनंद कुमार ने बताया कि मामले में एसआईटी की जांच गठित की जा रही है. मामला गंभीर है और किसी को नहीं छोड़ा जाएगा. पथराव में चार से पांच पुलिस वाले भी घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है. हिंसा में कुछ ग्रामीण भी घायल हुए हैं, मगर कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं है.

मामले में मुख्यमंत्री ने दुख व्यक्त करते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

share & View comments