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Friday, 22 November, 2024
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‘अभद्र आचरण’- TMC नेता डेरेक ओ’ब्रायन को सदन से बाहर जाने को कहा, पर सस्पेंड नहीं किया  

राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने डेरेक ओ'ब्रायन को शेष मानसून सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया है, जिस पर विचार किया जाना है.

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नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन को ‘अभद्र आचरण और अध्यक्ष के निर्देशों की अवहेलना’ को लेकर मंगलवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें सदन से बाहर जाने को कहा, लेकिन उनकी फिर से वापसी हो गई है. हालांकि, इससे पहले खबरें आई थीं कि उन्हें बाकी बचे मानसून सत्र से निलंबित कर दिया गया है, लेकिन सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित होने के कारण उनके निलंबन पर चर्चा नहीं हो सकी और इस पर अभी फैसला लिया जाना है.

दिप्रिंट नीलम पाण्डेय के इनपुट्स के मुताबिक राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन जारी मानसून सत्र के दौरान उन्हें ‘अभद्र आचरण’ के कारण सदन से बाहर जाने को कहा था.

मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर भारी हंगामे के बीच धनखड़ व ओ’ब्रायन के बीच तीखी नोकझोंक के बाद उच्च सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

धनखड़ ने इससे पहले कहा, “मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि यदि कोई सदस्य औचित्य का प्रश्न उठाना चाहता है और फिर औचित्य का प्रश्न नहीं उठाता है तो मैं न चाहते हुए भी बहुत कड़ा रुख अपनाऊंगा. एक सेकंड, मेरी बात सुनो… आप (डेरेक ओ’ब्रायन) परेशान क्यों हो? अब समय आ गया है कि हम अपना संयम बनाये रखें.”

उन्होंने कहा, “अगर आप औचित्य का प्रश्व उठाने के लिए खड़े होते हैं- और ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं कि अतीत में आपका इस तरह का प्रमाण है. आप औचित्य का प्रश्न उठाएं, इस पर भाषण न दें. आप उठेंगे, आप औचित्य का प्रश्न नहीं उठाएंगे, आप मेरे फैसले की प्रतीक्षा नहीं करेंगे और आप जगह घेर लेंगे, जो कि नहीं हो सकता. यदि आप आश्वस्त हैं कि औचित्य का प्रश्न है तो नियम पुस्तिका पर चलें, आप मुझे बताएं कि किस नियम के तहत औचित्य का प्रश्न उठा रहे हैं.”

इस पर डेरेक ओ’ब्रायन ने जवाब दिया, “पृष्ठ 92 पर नियम (नियम नंबर) 267 है, विपक्ष के नेता मणिपुर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं, आप मणिपुर पर चर्चा की इजाजत दें, जो कि मेरा औचित्य का प्रश्न है.”

इसके बाद धनखड़ अपनी सीट से खड़े हो गए और ओ’ब्रायन को सदन से बाहर जाने को कहा.


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इस पर सदन के नेता पीयूष गोयल ने “लगातार और जानबूझकर सदन की कार्यवाही बाधित करने, सभापति का अनादर करने और सदन में परेशानी पैदा करने को लेकर’ उनके सस्पेंशन का प्रस्ताव रखा.”

हालांकि, सदन स्थगित होने के कारण इस प्रस्ताव पर मतदान नहीं हो पाया. जब सत्र फिर से चालू हुआ, धनखड़ ने सत्र के उत्तरार्ध में सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें “अभी इस मामले पर निष्कर्ष पर निकालना है.”

धनखड़ ने सदन शुरू होने पर दी थी चेतावनी

वहीं इससे पहले सदन में सूचीबद्ध एजेंडा उठाए जाने के बाद, सभापति जगदीप धनखड़ ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों से मांग की और कहा कि यह एजेंडे में था, लेकिन फलीभूत नहीं हुआ है.

सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि वह गृहमंत्री अमित शाह की उपलब्धता का पता करेंगे और विपक्षी सदस्य चाहते हैं तो इस पर चर्चा 12 बजे होगी.

सभापति ने कहा था कि मणिपुर की स्थिति पर चर्चा ढाई घंटे से ज्यादा चल सकती है, जिसका संकेत सरकार व गृहमंत्री ने दिया है.

डेरेक ओ’ब्रायन औचित्य के प्रश्न का मुद्दा उठाने के लिए खड़े हुए. सभापति ने उन्हें चेताया था कि वह औचित्य के प्रश्न के अलावा कुछ भी न कहें.

तृणमूल कांग्रेस सदस्य ने साफ तौर से नियम 267 के तहत चर्चा के लिए विपक्षी दलों द्वारा दिए गए नोटिस का जिक्र किया था. चेयरमैन ने डेरेक ओ’ब्रायन का नाम लेकर फिर से उन्हें चेताया था. पीयूष गोयल ने डेरेक ओ’ब्रायन को शेष मानसून सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया था.

उन्होंने कहा था, “डेरेक ओ’ब्रायन को अभद्र आचरण करने और चेयर के निर्देशों की अवहेलना करने के लिए बाकी बचे मानसून सत्र से निलंबित किया जाता है.”

उन्होंने यह भी कहा था कि डेरेक ओ’ब्रायन ने निर्देशों के खिलाफ सभापति के आसन के पास से नारे लगाए.

चेयरमैन ने सोमवार को भी डेरेक ओ’ब्रायन की खिंचाई की थी.

धनखड़ ने कहा था, “आपका व्यवहार निम्न था, आपकी पॉजिशन के लिहाज से यह न्यायसंगत नहीं है. आपने सदन की मर्यादा तोड़ी है. आपने यह जानबूझकर किया है.”

इसके बाद सदन सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गई थी.


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