नई दिल्लीः सोमवार को एक दिल्ली कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका की सुनवाई को 21 मार्च तक के लिए टाल दिया है. कड़कड़डूमा कोर्ट ने 3 मार्च को अपना ऑर्डर रिजर्व कर लिया.
जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद उत्तर पूर्व दिल्ली के हिंसक दंगों के मुख्य आरोपी हैं. उन्हें 13 सिंतबर 2020 को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए)के तहत गिरफ्तार किया गया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने मामले को टाल दिया क्योंकि बचाव पक्ष ने इस मामले में लिखित रूप से अपना पक्ष नहीं रखा था.
आरोपी ने बहस के दौरान अदालत को बताया कि अभियोजन पक्ष के पास उसके खिलाफ अपनी बात साबित करने के लिए सबूतों का अभाव है.
एसपीपी अमित प्रसाद ने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए महाराष्ट्र पुलिस द्वारा 11 फरवरी 2020 को अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था. इसके बाद 12 फरवरी को एक दूसरा अप्लीकेशन वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया द्वारा डाला गया था जिसमें उमर खालिद को छोड़कर 6 लोगों का नाम था. आरोपी के पिता इस पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष हैं. अनुमति सिर्फ 6 लोगों को दी गई थी इसके बावजूद उमर खालिद वहां पहुंच गए और 17 फरवरी को भाषण दिया. इसके बाद उनके ऊपर एफआईआर दर्ज की गई थी.
गौरतलब है कि खालिद और कई अन्य लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन पर फरवरी 2020 में हुए दंगों की साजिश रचने का आरोप है. इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे.
यह भी पढ़ेंः दिल्ली दंगे: उमर खालिद को हथकड़ी लगाकर पेश करने पर अदालत ने मांगी रिपोर्ट